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डिस्कॉम का दावा, ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही बिजली चोरी, 150 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

गांवों में बिजली चोरी होने के कारण पिछले वित्त वर्ष में करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बिजली चोरी और अन्य कारणों से होने वाले नुकसान को कम करना कंपनियों के सामने बड़ी चुनौती है।

By Edited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 08:12 PM (IST)Updated: Sat, 29 Sep 2018 09:27 PM (IST)
डिस्कॉम का दावा, ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही बिजली चोरी, 150 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
डिस्कॉम का दावा, ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही बिजली चोरी, 150 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को नुकसान उठाना पड़ रहा है। बिजली चोरी को इसका बड़ा कारण बताया जा रहा है। टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) का कहना है कि नरेला और बवाना के गांवों में स्थिति ज्यादा खराब है। इन गांवों में बिजली चोरी होने के कारण पिछले वित्त वर्ष में करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बिजली चोरी और अन्य कारणों से होने वाले नुकसान को कम करना कंपनियों के सामने बड़ी चुनौती है।

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बिजली चोरी रोकना बड़ी चुनौती
टीपीडीडीएल का कहना है कि 2002 में सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक नुकसान (एटीएंडसी) करीब 53 फीसद था, जो घटकर अब 8.4 फीसद हो गया है। इसके बावजूद कई इलाकों में बिजली चोरी रोकना बड़ी चुनौती है। नरेला और बवाना के गांवों में धड़ल्ले से बिजली चोरी हो रही है।

जांच करने वाली टीम पर किए जाते हैं हमले 
डिस्कॉम का आरोप है कि बिजली चोरी की जांच करने वाली टीम पर हमले भी किए जाते हैं। 25 अगस्त को भी बजितपुर गांव में जांच करने गई टीपीडीडीएल की टीम पर हमला करने की कोशिश की गई। इस गांव में एटीएंडसी हानि 49.79 फीसद है।

झुग्गी बस्तियों में है बेहतर स्थिति 
डिस्कॉम का कहना है कि इन गांवों से ज्यादा बेहतर स्थिति झुग्गी बस्तियों में है। इन बस्तियों, पुनर्वास कॉलोनियों में एटीएंडसी हानि मात्र 12.44 फीसद है। यहां से मिलने वाले राजस्व में वृद्धि हो रही है। इस बारे में टीपीडीडीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय बंगा का कहना है कि बिजली चोरी रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

इन गांवों में एटीएंडसी हानि ज्यादा तेजपुर
(83.03 फीसद) 
घोगरा (77.28 फीसद)
सुल्तानपुर (68.71 फीसद)
नांगल (62.42 फीसद)
चांदपुर कलां (58.82 फीसद)
लाडपुर (56.92 फीसद)
हिरंकी ( 56.87 फीसद)
निजामपुर (51.47 फीसद)
जौनती (51.33 फीसद)


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