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    दिल्ली में 1 नवंबर से इन वाहनों की एंट्री पर रोक, सिर्फ इन्हें मिलेगी आने-जाने की इजाजत

    वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली में बाहरी राज्यों के डीजल वाहनों के प्रवेश पर सख्ती बढ़ा दी है। 1 नवंबर से बीएस-6 से कम मानक वाले वाणिज्यिक वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा। बीएस-4 सीएनजी एलएनजी या इलेक्ट्रिक वाहनों को ही अनुमति मिलेगी। आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को छूट मिलेगी लेकिन 2026 के बाद उन्हें भी बीएस-4 मानकों का पालन करना होगा।

    By V K Shukla Edited By: Rajesh KumarUpdated: Thu, 24 Apr 2025 06:00 AM (IST)
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    दूसरे राज्यों में पंजीकृत डीजल परिवहन और मालवाहक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली के बाहर पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध कड़े कर दिए हैं। इसने एक नवंबर से दिल्ली में बीएस-6 डीजल मानक से नीचे के सभी परिवहन और वाणिज्यिक माल वाहनों के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।

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    इन वाहनों को मिलेगी प्रवेश की अनुमति

    आयोग ने कहा है कि एक नवंबर से केवल ऐसे हल्के, मध्यम और भारी माल और सेवा वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी जो बीएस-4 मानक के साथ सीएनजी, एलएनजी या इलेक्ट्रिक से संचालित होंगे।

    आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं में लगे ऐसे वाहनों को थोड़े समय के लिए छूट दी जाएगी। लेकिन, 31 अक्तूबर 2026 के बाद इन आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं में लगे वाहनों को भी दिल्ली में तभी प्रवेश की अनुमति मिलेगी जब वे बीएस फोर सीएनजी, एलएनजी या इलेक्ट्रिक से चलेंगे।

    इन वाहनों को नहीं मिलेगी ईंधन

    आयोग ने एक जुलाई से दिल्ली में अपनी उम्र पूरी कर चुके वाहनों के ईंधन पर भी रोक लगा दी है। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि इसके अलावा बीएस-6 डीजल, सीएनजी, एलएनजी और इलेक्ट्रिक माल वाहनों को अनुमति दी जाएगी। इन वाहनों में हल्के माल वाहन (एलजीवी), मध्यम माल वाहन (एमजीवी) और भारी माल वाहन (एचजीवी) शामिल हैं, सिर्फ इन्हीं को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी।

    सीएक्यूएम ने कहा कि वाणिज्यिक वाहन, खासकर पुराने डीजल वाहन, दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण में खासा योगदान देते हैं, खासकर सर्दियों के दौरान।

    यातायात पुलिस को निर्देश

    आयोग ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के परिवहन विभागों और यातायात पुलिस को निर्देश दिया है कि वे सभी 126 सीमा प्रवेश बिंदुओं और स्वचालित नंबर प्लेट पहचान कैमरों से लैस 52 टोल प्लाजा पर इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। सीएक्यूएम ने कहा कि सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को तिमाही अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

    इसी तरह एक जुलाई से दिल्ली में अपनी आयु पूरी कर चुके वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। आयोग ने 30 जून तक दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर ऐसे विशेष क्षमता वाले कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। इन कैमरों के जरिए ऐसे वाहनों की पहचान की जाएगी जो निर्धारित समय अवधि पूरी कर चुके हैं।

    ऐसे वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। आयोग ने दिल्ली के अलावा एनसीआर के जिलों के लिए भी इसी तरह के निर्देश के लिए अलग-अलग समय अवधि तय की है। आयोग के मुताबिक दिल्ली से सटे पांच जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत, जहां वाहनों की संख्या ज्यादा है, वहां 31 अक्टूबर तक ऐसे कैमरे लगा दिए जाएं और एक नवंबर से यहां ऐसे वाहनों को ईंधन न दिया जाए।

    जबकि एनसीआर के अन्य जिलों में 31 मार्च 2026 तक ऐसे कैमरे लगा दिए जाएं और एक अप्रैल 2026 से ईंधन देने पर रोक लगा दी जाएगी।

    आयोग ने अपने निर्देश में कहा है कि मार्च 2025 में दिल्ली में निर्धारित समय अवधि पूरी करने वाले वाहनों की संख्या 61 लाख 14 हजार 728 थी। जबकि, हरियाणा के एनसीआर जिलों में ऐसे वाहनों की संख्या 27 लाख 50 हजार 152 थी। इसी तरह, उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों में 12 लाख 69 हजार 598 और राजस्थान में छह लाख 20 हजार 962 वाहन थे।

    इन वाहनों के संचालन पर रोक लगाने की कार्रवाई काफी हल्की रही है। जैसे, दिल्ली में वर्ष 2023 में 22 हजार 397 और वर्ष 2024 में 39 हजार 273 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई। अन्य राज्यों में भी ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई धीमी है। इसे देखते हुए आयोग ने अब इन वाहनों को ईंधन की आपूर्ति रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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