दिल्ली के विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपये का बजट, पांच महीने में सिर्फ एक तिहाई का ही हुआ उपयोग
दिल्ली सरकार ने विकास कार्यों के लिए एक लाख करोड़ का बजट आवंटित किया था लेकिन पांच महीने बाद भी केवल एक तिहाई राशि का उपयोग हो पाया है। मुख्य सचिव ने विभागाध्यक्षों को परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बजट व्यय की समीक्षा की और खर्च बढ़ाने पर जोर दिया।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के विकास को आधार मानकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मार्च में चालू वित्त वर्ष के लिए कुल एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जो दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी के लिए किया गया अब तक का सबसे अधिक आवंटन है। लेकिन पांच महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक आवंटित बजट का एक तिहाई से भी कम इस्तेमाल हो पाया है।
इसे लेकर मुख्य सचिव ने बैठक कर विभागाध्यक्षों को चल रही परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि काम को आगे बढ़ाने के लिए पूरी ताकत लगा दें। सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभागाध्यक्षों और संबंधित अधिकारियों के साथ हुई व्यय समीक्षा बैठक में चल रही परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव ने इस दौरान सभी विभागों के बजट व्यय की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है और कुल खर्च बहुत कम है। छह महीने हो गए हैं और आवंटित बजट का लगभग 25 से 30% ही खर्च हो पाया है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को सख्त निर्देश दिया है कि वे हर हफ्ते अपने विभाग के साथ बैठक करें, चल रही परियोजनाओं और धन के उपयोग की समीक्षा करें और उन्हें रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभागाध्यक्षों को परियोजनाओं में देरी से बचने, प्रस्तावों को मंजूरी देने, अनुमान स्पष्ट करने और धनराशि प्राप्त होते ही उसे मंजूरी देने के लिए कहा गया है, ताकि समय पर निविदाएँ जारी की जा सकें।
मुख्य निर्देश वित्तीय स्वीकृतियों को पूरा करना था क्योंकि कई परियोजनाएँ स्वीकृति के लिए अटकी हुई हैं, और आवंटित पूंजीगत व्यय को खर्च करना था। अब, चूंकि सितंबर आ गया है, संशोधित अनुमानों की तैयारी भी शुरू हो जाएगी। उससे पहले परियोजना में तेजी लाने की आवश्यकता है। सूत्रों ने बताया कि अधिकांश विभागों ने आवंटित कुल बजट का लगभग 10% ही खर्च किया है।
आपको बता दें कि वित्त विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित अनुमान (आरई) और अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट अनुमान (बीई) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी विभागों को इसके लिए प्रासंगिक विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। पिछले महीने सभी विभागों को जारी एक परिपत्र में वित्त विभाग ने विभागों द्वारा बजट अनुमान तैयार करने में कुछ निरंतर विसंगतियों की ओर भी ध्यान दिलाया था और कहा था कि संशोधित अनुमान और बजट अनुमान, उपयोग की जा सकने वाली धनराशि का यथार्थवादी आकलन करके तैयार किए जाने चाहिए।
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