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    डीडीए ने दिल्ली के पार्कों में लगाए एक लाख ट्यूलिप, एलजी ने किया था 'फूलों का शहर' बनाने का वादा

    Updated: Tue, 20 Feb 2024 08:47 AM (IST)

    एलजी वीके सक्सेना जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी को फूलों का शहर बनाने का वादा किया था। इसीलिए एनडीएमसी क्षेत्र से परे सुंदरीकरण पर लगातार जोर दे रहे हैं। गत वर्ष 26 दिसंबर को नगर निकायों के बागवानी विभागों की एक बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि एमसीडी डीडीए आदि के अधिकार क्षेत्र के तहत अन्य क्षेत्रों में भी ट्यूलिप और अन्य सजावटी फूल लगाए जाएं।

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    डीडीए ने दिल्ली के पार्कों में लगाए एक लाख ट्यूलिप, एलजी ने किया था 'फूलों का शहर' बनाने का वादा

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडभ्ए) ने पहली बार राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न पार्कों में एक लाख ट्यूलिप लगाए हैं। यह फूल रोहिणी, द्वारका, आइएसबीटी कश्मीरी गेट, कर्मपुरा- रोहतक रोड, शालीमार बाग, महरौली, जीके और वसंत विहार जैसे क्षेत्रों में लगाए गए हैं।

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    दिल्ली के अन्य हिस्सों में भी लगाए ट्यूलिप

    पहले टयूलिप के फूल एनडीएमसी क्षेत्र में ही लगाए जाते थे। अबकी बार भी लुटियंस जाेन में विभिन्न रंगों के चार लाख से ज्यादा ट्यूलिप लगाए गए हैं। एनडीएमसी से इतर पहली बार दिल्ली के अन्य हिस्सों में भी टयूलिप लगाए गए हैं।

    दरअसल, एलजी वीके सक्सेना, जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी को ''फूलों का शहर'' बनाने का वादा किया था। इसीलिए एनडीएमसी क्षेत्र से परे सुंदरीकरण पर लगातार जोर दे रहे हैं। गत वर्ष 26 दिसंबर को नगर निकायों के बागवानी विभागों की एक बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि एमसीडी, डीडीए आदि के अधिकार क्षेत्र के तहत अन्य क्षेत्रों में भी ट्यूलिप और अन्य सजावटी फूल लगाए जाएं।

    इसके लिए डीडीए ने बांसेरा पार्क में 40 हजार, असिता ईस्ट, महरौली पुरातत्व पार्क और रोहिणी सेक्टर -10 स्थित स्वर्ण जयंती पार्क में नौ नौ हजार ट्यूलिप लगाए हैं।

    शहर को ट्यूलिप से सजाने के अलावा, एलजी ने फूलों के बल्बों को विदेशों से खरीदने के बजाय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के स्थानीय उत्पादकों से खरीदने पर भी जोर दिया है। इस कदम का उद्देश्य ट्यूलिप की लागत में कटौती करना है और स्थानीय किसानों को प्रोत्साहित करने का काम करेगा।

    मालूम हो कि एनडीएमसी ने लोधी गार्डन में अपना पहला ट्यूलिप प्रसार चैंबर स्थापित किया है, जहां काटे गए ट्यूलिप बल्बों को संरक्षित किया जाता है और अगले सीजन में नियंत्रित मौसम की स्थिति में वृक्षारोपण के लिए उगाया जाता है।

    डीडीए के किस पार्क में लगाए गए कितने पौधे

              पार्क                   टयूलिप

    • असिता ईस्ट            नौ हजार
    • बांसेरा                   40 हजार
    • संजय झील             पांच हजार
    • महरौली पार्क         नौ हजार
    • वसंत उद्यान           छह हजार
    • ग्रेटर कैलाश पार्क   छह हजार
    • वासुदेव घाट           पांच हजार
    • शिवाजी पार्क         चार हजार
    • स्वर्ण जयंती पार्क     नौ हजार
    • शीश महल पार्क      चार हजार
    • सेक्टर 17 द्वारका     तीन हजार

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