फिर चर्चा में DDA का मास्टर प्लान, ड्राफ्ट में हो सकते हैं बदलाव; 2 साल से ठंडे बस्ते में थी योजना
दिल्ली सरकार ने मास्टर प्लान 2041 के मसौदे की समीक्षा के लिए बैठक की जिसे डीडीए ने केंद्र को सौंपा है। इस योजना में झुग्गी पुनर्वास अनधिकृत कॉलोनियों का पुनर्विकास और यमुना क्षेत्र का संरक्षण जैसे मुद्दे शामिल हैं। आप सरकार की असहमति के बाद नई सरकार से तालमेल की उम्मीद है हालांकि देरी से समय-सीमा और बढ़ सकती है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा अधिसूचना और कार्यान्वयन के लिए केंद्र को मसौदा सौंपे जाने के दो साल से भी ज़्यादा समय बाद मास्टर प्लान 2041 एक बार फिर चर्चा में है। सोमवार को दिल्ली सरकार ने दस्तावेज़ के विभिन्न प्रवधानों की समीक्षा के लिए एक विशेष बैठक की।
सूत्रों ने बताया कि डीडीए ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उनके कैबिनेट सहयोगियों और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष मसौदे पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। हालांकि दस्तावेज पर आगे की चर्चा दिल्ली सचिवालय में होने की संभावना है, सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों को योजना के विभिन्न पहलुओं पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया है।
एक सूत्र ने बताया कि विभिन्न विभागों से प्राप्त इनपुट की प्रकृति के आधार पर दिल्ली सरकार केंद्र को अपनी सिफारिशें भेजने पर विचार कर सकती है। हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से मसौदे में बदलाव करने वाली किसी भी सिफारिश के लिए योजना को वापस लेना होगा।
आप सरकार ने कुछ मामलों में नहीं दी थी अपनी सहमति
बता दें कि चार साल से ज़्यादा समय तक विचार-विमर्श के बाद, डीडीए ने अप्रैल 2023 में अंतिम मंज़ूरी के लिए एमपीडी 2041 का मसौदा केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को सौंप दिया था। सूत्रों ने बताया कि जमा करने के बाद भी दस्तावेज में कई बदलाव हुए हैं।
एजेंसियां और शहरी विशेषज्ञ इसके लागू होने का इंतजार कर रहे थे। जिससे इन-सीटू झुग्गी पुनर्वास, अनधिकृत कॉलोनियों का पुनर्विकास, विस्तार के लिए जमीन का आवंटन, नई आवासीय योजना, यमुना के डूब क्षेत्र का संरक्षण और औद्योगिक विकास जैसी बड़ी परियोजनाएं शुरू हो सकेंगी।
लेकिन उस समय की आप सरकार ने इस पर कई मामलों में अपनी सहमति नहीं दी थी। हालांकि, डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटनाक्रम को कम करके आंका और मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ हुई चर्चा को "अनौपचारिक" बताया।
सूत्रों ने संकेत दिया कि केंद्र ने शायद यह यह ठीक समझा होगा कि नई सरकार को को भविष्य की विकास परियोजनाओं में तालमेल सुनिश्चित करने के लिए योजना के प्रविधानों से परिचित होना चाहिए। एमपीडी 2041 को मूल रूप से 2021 में लागू किया जाना था। एक अधिकारी ने बताया कि चार साल की देरी के साथ आगे की समीक्षा या संशोधन समय-सीमा को और भी आगे बढ़ा सकते हैं।
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