दिल्ली में डेंगू का प्रकोप, मच्छरों पर काबू पाने के लिए MCD ने अपनाया अनोखा तरीका
दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटने के बाद बाढ़ग्रस्त इलाकों में डेंगू-मलेरिया का खतरा बढ़ गया है। निगम ने ड्रोन से मच्छर नियंत्रण का फैसला लिया है क्योंकि कीचड़ से दवा छिड़काव मुश्किल है। गढ़ी मेंढू जैसे इलाकों में ड्रोन से दवा डाली जाएगी। 136 कर्मचारियों की टीम तैनात है जागरूकता अभियान चल रहा है। निगम की रिपोर्ट में डेंगू के 557 मरीज़ों की पुष्टि हुई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना का जलस्तर कम होने के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों में मच्छर जनित बीमारी डेंगू मलेरिया का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में निगम ने ड्रोन की मदद लेने की तैयारी की है ताकि लोग इसकी चपेट में न आएं और मच्छरों के प्रजनन के मामले कम हों।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कीचड़ के कारण मच्छर रोधी दवाओं के छिड़काव में आ रही दिक्कत के चलते यह फैसला लिया गया है। यह दूसरी बार है जब निगम ने इन बाढ़ प्रभावित इलाकों में ड्रोन का इस्तेमाल किया है।
इससे पहले निगम ने कोरोना के दौरान ट्रायल के तौर पर कुछ जगहों पर सैनिटाइजेशन के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गढ़ी मेंढू गांव से लेकर यमुना बाजार, वासुदेव घाट, अशोक नगर, सोनिया विहार जैसे इलाकों में, जहां लोग यमुना के किनारे रहते हैं और यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण राहत शिविरों में आ गए थे, अब वे धीरे-धीरे अपने कच्चे घरों या झुग्गियों में लौट रहे हैं।
ऐसे में हो सकता है कि कई जगहों पर यमुना का पानी बचा हो और वहां मच्छर पनप रहे हों। इसे देखते हुए हम ड्रोन की मदद से उन जगहों पर मच्छर रोधी दवा का छिड़काव करेंगे।
उन्होंने बताया कि हम प्रेशर जेटिंग मशीनों की मदद से निचले इलाकों में भरे पानी में जहाँ भी दवा पहुँच सकती है, वहाँ दवा का छिड़काव कर रहे हैं। शनिवार को पूर्वी दिल्ली स्थित पुलिस प्रशिक्षण स्कूल के पास लंबे समय से जमा पानी में भी दवा का छिड़काव किया गया।
अधिकारी ने आगे बताया कि फिलहाल हम केवल एक ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ज़रूरत पड़ने पर हम इसकी संख्या बढ़ा देंगे।
निगम अधिकारी के अनुसार, बाढ़ प्रभावित इलाकों में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए निगम ने 136 कर्मचारियों की एक विशेष टीम तैनात की है। अब तक मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए 1346 जगहों पर मच्छर रोधी दवा का छिड़काव किया जा चुका है। जबकि 4329 बाढ़ प्रभावित घरों में फॉगिंग की गई है। इसके अलावा जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
गौरतलब है कि निगम की 6 सितंबर तक की रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया के 264 मरीज़ों की पुष्टि हुई है, जबकि डेंगू के 557 और चिकनगुनिया के 42 मरीज़ों की पुष्टि हुई है। राहत की बात यह है कि अभी तक इन बीमारियों से किसी की मौत नहीं हुई है। अगस्त के बाद, दिल्ली में मच्छर जनित बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है और सितंबर और अक्टूबर में यह सबसे ज़्यादा होती है।
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