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    चिंताजनक: दिल्ली में मिल रहे डेंगू के डेन-2 स्ट्रेन के ज्यादा मामले, एम्स की सीरोटाइप जांच में आया सामने

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Tue, 18 Jul 2023 07:57 AM (IST)

    Delhi Dengue Cases डेंगू का संक्रमण सितंबर से नवंबर के बीच चरम पर होता है लेकिन इस बार दिल्ली में पहले के मुकाबले संक्रमण थोड़ा अधिक देखा जा रहा है। ऐसे में आगे चलकर इस बार डेंगू का संक्रमण बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। चिंताजनक खबर यह भी है कि इस बार के डेंगू वायरस के टाइप-2 (डेन-2) स्ट्रेन का संक्रमण अधिक देखा जा रहा है।

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    Delhi Dengue Cases : दिल्ली में देखे जा रहे डेंगू के गंभीर स्ट्रेन टाइप-2 के ज्यादा मामले

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। Delhi Dengue Cases : डेंगू का संक्रमण सितंबर से नवंबर के बीच चरम पर होता है लेकिन इस बार दिल्ली में पहले के मुकाबले संक्रमण थोड़ा अधिक देखा जा रहा है। ऐसे में आगे चलकर इस बार डेंगू का संक्रमण बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

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    इस बीच थोड़ी चिंताजनक खबर यह भी है कि इस बार के डेंगू वायरस के टाइप-2 (डेन-2) स्ट्रेन का संक्रमण अधिक देखा जा रहा है। एम्स द्वारा की गई डेंगू वायरस की सीरोटाइप जांच में यह बात सामने आई है। यह डेंगू के डेन-1 स्ट्रेन के मुकाबले अधिक खतरनाक होता है। डेन-2 के संक्रमण के कारण गंभीर बीमारी होने की आशंका अधिक रहती है। इसलिए लोगों को सतर्क रहना होगा।

    जांच के लिए हर सप्ताह एम्स पहुंच रहे 40-50 मरीजों के सैंपल

    एम्स के माइक्रोबायोलाजी विभाग के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि जांच के लिए हर सप्ताह 40-50 मरीजों के सैंपल पहुंच रहे हैं। जिसमें से पांच से सात सैंपल पाजिटिव पाए जा रहे हैं। इस माह जो सैंपल पाजिटिव पाए गए हैं अभी उन सैंपल में डेंगू वायरस के सीरोटाइप की पहचान के लिए जांच होना बाकी है। लेकिन जून में पाजिटिव पाए गए सैंपलों की सीरोटाइप जांच की गई है। उसमें ज्यादातर सैंपल में डेंगू के टाइप-2 वायरस का संक्रमण अधिक पाया गया है।

    इस मामले पर माइक्रोबायोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ललित धर ने कहा कि पिछले वर्ष भी डेन-2 स्ट्रेन का संक्रमण अधिक था। फिर भी बहुत ज्यादा संक्रमण और गंभीर बीमारी नहीं देखी गई। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। एम्स में अभी डेंगू के अधिक मरीज भी नहीं आ रहे हैं

    वर्षा और जलभराव होने पर यदि कहीं अधिक दिनों तक पानी भरा रहता है तो दस से 15 दिनों बाद डेंगू का संक्रमण बढ़ने की आशंका रहती है। इसलिए जरूरी यह है कि घरों के आसपास कहीं अधिक दिनों तक पानी भरा नहीं रहने दिया जाए। ताकि मच्छरों की उत्पत्ति न होने पाए।

    उन्होंने बताया कि डेंगू के डेन-1 स्ट्रेन के मुकाबले डेन-2 व डेन-3 स्ट्रेन थोड़ा गंभीर होता है। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले दिल्ली सरकार ने कहा था कि डेंगू की रोकथाम और बेहतर प्रबंधन के लिए वह वायरस के सीरोटाइप की पहचान कराएगी। डॉक्टर बताते हैं कि डेन-2 में डेंगू शाक सिंड्रोम या हेमरेजिक बुखार होने की आशंका रहती है।

    क्या होते हैं डेंगू के लक्षण?

    डेंगू के ज्यादातर मरीजों को हल्के लक्षण होते हैं और एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। संक्रमण के चार से दस दिनों बाद लक्षण दिखने शुरू होते हैं।

    • डेंगू होने पर तेज बुखार
    • तेज सिर दर्द
    • आंखों के पीछे दर्द
    • मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द
    • उल्टी
    • सूजन
    • लाल चकत्ते

    इसके अलावा सांस की गति तेज होना, थकान, बेचैनी, मसूड़ों, नाक या शरीर के किसी हिस्से से खून आना गंभीर लक्षण होता है। इसलिए ऐसे लक्षण होने पर डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।

    दस साल बाद डेंगू के सर्वाधिक मरीज

    राजधानी में बाढ़ के बाद मच्छरजनित बीमारियों का खतरा ज्यादा ही बढ़ गया है। क्योंकि एक सप्ताह में डेंगू के 27 नए मरीजों की पुष्टि होने से डेंगू के कुल मरीजों का आंकड़ा दस साल में सर्वाधिक हो गया है। वैसे तो बीते वर्ष कुल 158 मरीज डेंगू के जुलाई के दूसरे सप्ताह तक थे लेकिन इस वर्ष 163 मरीज हो गए हैं।