Delhi Crime: छात्रा पर हमले से सहमे अभिभावक, बच्चों के साथ पहले भी हुआ थी हिंसा; प्रबंधन ने दबाई थी शिकायत
दिल्ली के स्कूल में हुई वारदात ने अभिभावकों का दिल दहला दिया है। कैंची से हमला किए जाने की घटना के अभिभावक कई तरह के सवाल उठा रहे है। जानकारी के मुताबिक कई बार आरोपित शिक्षिका ने बच्चों से हिंसक बर्ताव किया था।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नगर निगम के स्कूल में हुई वारदात ने अभिभावकों को हिला कर रख दिया है। इस मामले में स्कूल प्रबंधन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे पहले भी कई बार आरोपित शिक्षिका बच्चों से हिंसक बर्ताव कर चुकी थी।
अभिभावकों द्वारा इसकी शिकायत स्कूल प्रबंधन को की गई, लेकिन इन मामलों को स्कूल प्रबंधन द्वारा अपने स्तर पर निपटा लिया गया। अगर उक्त मामले पुलिस तक पहुंचते तो शायद शुक्रवार को ऐसी घटना नहीं होती।
शिक्षिका गीता के हिंसक और भयानक बर्ताव से बच्चे डरे और सहमे हैं। वे स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर गीता इतनी हिंसक क्यों हो गई कि उसने 10 वर्षिय बच्ची को पहली मंजिल से ही फेंक दिया। स्कूल में वारदात के बाद आरोपित शिक्षिका गाली गलौज और नारे भी लगा रही थी। इसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। जिस कक्षा में वारदात हुई है उस कक्षा में बच्चों के बैग का सामान भी बाहर अस्त व्यस्त पड़ा था। कक्षा की हालत ऐसी है कि जैसे वहां पर झगड़ा हुआ हो। बेंच भी इधर उधर पड़े हुए हैं।
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग की सदस्य रंजना प्रसाद ने जारी नोटिस में अधिकारियों को जांच करने और 20 दिसंबर तक मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा है।
मानसिक बीमारी होने पर ही व्यक्ति करता है ऐसा दुर्व्यवहार
मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. निमेष जी देसाई का कहना है कि मानसिक रूप से बीमार होने पर ही कोई व्यक्ति ऐसा दुर्रव्यवहार कर सकता है। तनाव या अवसाद में रहने पर कोई इतना बड़ा कदम नहीं उठा सकता है। महिला की मानसिक स्थिति की जांच के लिए उसकी पूरी पीछे की हिस्ट्री भी देखनी होगी।
गलती की थी तो अपनी बेटी समझकर समझा देती
जिस बच्ची को स्कूल पहली मंजिल से फेंका है उसकी मां का कहना है कि यदि बेटी ने गलती की थी उसे अपनी बेटी समझ समझा देती। उसे जिंदगी भर न भूलने वाली सजा क्यों दी? पुलिस और प्रशासन से मांग है कि उनकी बेटी को न्याय दिया जाए। आरोपित शिक्षिका को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
एक महिला अभिभावक ने बताया कि स्कूल में उनकी बेटी के साथ भी गीता ने पिटाई की थी। इस वजह से उनकी बेटी ने स्कूल जाना छोड़ दिया था। दिल्ली नगर निगम के इसी स्कूल में एक छात्रा को प्रथम मंजिल से अध्यापिका ने नीचे फेंका।
पति ने कहा-डिप्रेशन में है गीता
शिक्षिका गीता देसवाल हरियाणा की रहने वाली है। उसका करीब डेढ़ साल पहले झज्जर निवासी रूपेश से प्रेम विवाह हुआ था। अपनी मर्जी से शादी करने के कारण परिवार ने उससे रिश्ता खत्म कर लिया था। गीता का वैवाहिक जीवन भी ठीक नहीं चल रहा है।
ससुराल में सास और पति से झगड़े के कारण उसने शादी के कुछ माह बाद से ही ससुराल से अलग दिल्ली के कमला नगर इलाके में पीजी में रहना शुरू कर दिया था। पिछले साल अक्टूबर में उसका गर्भपात हो गया था। पति रूपेश का कहना है कि गीता का अपने पिता से भावनात्मक लगाव था, लेकिन करीब छह माह पूर्व उनका निधन हो गया था। गीता छह माह से पीजी में रह रही है और पिछले कुछ समय से डिप्रेशन में है।
दिल्ली नगर निगम के सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को एक बच्ची को पहली मंजिल से फेंके जाने की घटना के बाद निगम के उच्चाधिकारियों ने स्कूल के प्रिंसिपल को तलब कर घटना की जानकारी ली। इसमें बताया गया कि गीता ने पिछले सप्ताह भी एक छात्र की पिटाई की थी। इस मामले में अभिभावकों ने प्रिंसिपल से शिकायत की थी, जिसके बाद प्रिंसिपल ने गीता को चेतावनी दी थी।
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पिछले सप्ताह भी शिक्षिका ने छात्र को पीटा था
जांच में पता चला कि क्लास टीचर ने कक्षा पांच को अंदर से बंद कर बच्चों की बोतल आदि तोड़ डाली। एक छात्रा को पहले छोटी कैंची से घायल किया, फिर उसे नीचे फेंक दिया। हत्या के प्रयास की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपित शिक्षिका को हिरासत में लिया गया है।

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