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    Delhi Crime News: एक्सप्रेस लोन एप के जरिये ले रहे लोन तो हो जाएं सावधान, थाने में पहुंच रहे ब्लैकमेल और उगाही के मामले

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 30 May 2022 01:47 PM (IST)

    उस संदेश में एक्सप्रेस लोन एप डाउनलोड करने का लिंक होता है। जैसे ही पीडि़त उक्त लिंक को डाउनलोड करता है तो उसके मोबाइल पर एप डाउनलोड हो जाता है। इसके बाद एप पर लोन लेने का लुभावने आफर आते हैं।

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    लोन देने के बाद पीडि़त के मोबाइल से निजी जानकारी चुरा कर करते हैं ब्लैकमेल

    नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। लोन एप के जरिये लोगों को ब्लैकमेल और उगाही करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली पुलिस गत अप्रैल माह में अलग-अलग कार्रवाई कर 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें साइबर सेल और क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई की थी। लेकिन अब एक बार फिर से लोन एप के जरिये लोगों को परेशान किया जा रहा है। ताजा मामले में एक्सप्रेस लोन एप के जरिये लोगों को तुंरत लोन देने के बहाने, उनके मोबाइल से निजी जानकारी लेकर ब्लैकमेल और उगाही की जा रही है। साइबर सेल ने 45 लोगों की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    कोरोना रोधी टीके की तीसरी डोज लगवाने के नाम पर फंसा रहे

    एक्सप्रेस लोन एप डाउनलोड करवाने के लिए आरोपित लोगों को कोरोना रोधी टीके की तीसरी डोज लगवाने का संदेश भेजते हैं। उस संदेश में एक्सप्रेस लोन एप डाउनलोड करने का लिंक होता है। जैसे ही पीड़ित उक्त लिंक को डाउनलोड करता है तो उसके मोबाइल पर एप डाउनलोड हो जाता है। इसके बाद एप पर लोन लेने का लुभावने आफर आते हैं। लोग अपने बैंक की जानकारी एप को देकर दो से चार हजार रुपये का लोन ले लेते हैं, इसके बाद शुरू एप संचालकों द्वारा शुरू पीड़ितों को प्रताडि़त करने का सिलसिला शुरू हो जाता है।

    चीन के सर्वर से जुड़ा होता है एप

    पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के एप का सर्वर चीन से संचालित होता है। गूगल प्ले स्टोर पर एप के डेवलपर या कंपनी के बारे में वैध जानकारी नहीं दी जाती है। यह सभी एप चीन में बनाए जाते हैं। इसके साथ ही इस तरह का एप का आरबीआइ से किसी तरह का पंजीकरण आदि भी नहीं होता है।

    इस तरह करते हैं ठगी

    - लोन का 60 से 70 प्रतिशत पीडि़त के खाते में जमा करते थे

    - इस बीच पीडि़त के फोन में मालवेयर इंस्टाल कर पीडि़त का डाटा चुरा लेते थे

    - इसके बाद लोन वापस करने के लिए ब्लैकमेल और धमकी का दौर शुरू हो जाता था

    - गिरोह के लोग पीडि़त से गाली गलौज करते थे, लोन वापस करने के बाद भी यह जारी रहता था

    - चीन में होता है एप का सर्वर, आरोपितों ने कई करंट और बचत खाते खुलवाए हुए हैं

    - इन खातों में ठगी की रकम को ट्रांसफर कर क्रिप्टो करेंसी में बदला जाता था।

    इन बातों का रखे ध्यान :

    - फोन पर लोन लेने के लिए कोई संदेश आए तो उसे नजर अंदाज करें

    - संदेश में यदि कोई लिंक हो तो उसे खोले नहीं

    - जिससे संदेश आया है उसे ब्लाक कर दें

    - फोन काल पर या फिर संदेश के जरिये बैंक आदि से संबंधित जानकारी मांगी जा रही है तो बिलकुल न दें।

    - ठगी हो जाए तो तुरंत पुलिस को मामले की सूचना देने में देरी न करें।