मगरमच्छों को लाशें खिलाने वाले सीरियल किलर के खुलेंगे बड़े राज, दबोचा गया 21 साल से फरार गुर्गा
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने सीरियल किलर देवेन्द्र शर्मा के सहयोगी राजेंद्र उर्फ राजू को गिरफ्तार किया है जो 21 साल से फरार था। वह अपहरण और हत्या के एक मामले में भगोड़ा घोषित था। राजू देवेन्द्र शर्मा के साथ मिलकर दिल्ली हरियाणा राजस्थान और उत्तर प्रदेश में टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों का अपहरण और हत्या करता था।
जागरण संवाददाता, नई दिली। टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों की हत्या करने वाले सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ "डॉ. डेथ" के प्रमुख सहयोगी राजेंद्र उर्फ राजू को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। वह 21 साल से फरार था। संबंधित कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था। इसे कासिमपुर, अलीगढ़ से गिरफ्तार किया गया।
डीसीपी आदित्य गौतम के मुताबिक, राजेंद्र उर्फ राजू उर्फ राजुआ (59), अलीगढ़, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। सरिता विहार थाने में 2004 में दर्ज अपहरण व हत्या के मामले में उसे भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था। राजेंद्र पहले देवेंद्र शर्मा का करीबी सहयोगी था, जिसे कुख्यात रूप से "डॉ. डेथ" के नाम से जाना जाता था।
वह दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों के अपहरण और हत्या सहित कई जघन्य अपराधों में सक्रिय रूप से शामिल था। गिरोह यूपी के कासगंज में मगरमच्छों से भरी हजारा नहर में शवों को ठिकाने लगाता था।
फरारी में राजेंद्र को जयपुर में एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जिस मामले में उसने 2007 से 2021 तक जेल में सजा काटी, इस दौरान उसने झूठी पहचान का इस्तेमाल किया और कई अन्य मामलों में अपनी संलिप्तता को छिपाया। वह दिल्ली और गुरुग्राम में अपहरण और हत्या के चार अतिरिक्त मामलों में भी वांछित शामिल पाया गया।
क्राइम ब्रांच की एक टीम ने 19 मई को राजस्थान के दौसा से देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान शर्मा ने बताया कि उसका साथी राजेंद्र 2003-2004 से गिरोह से जुड़े कई मामलों में फरार है।
इस सुराग के बाद इंस्पेक्टर राकेश कुमार की टीम ने अलीगढ़, जयपुर और दिल्ली में कई जगहों पर छापेमारी की और लोगों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई। लगातार प्रयासों के बाद पुलिस टीम ने राजेंद्र को अलीगढ़ के कासिमपुर में खोज निकाला, जहां वह एक अलग कमरे में छिपा हुआ था और स्थानीय पंप हाउस में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहा था। वहां से उसे पकड़ लिया गया।
राजेंद्र, अलीगढ़ का रहने वाला है और किसान परिवार से है। 2003 में व्यक्तिगत विवाद के बाद वह देवेंद्र शर्मा के गिरोह में शामिल हो गया था। गिरोह टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों को अगवा कर उनकी हत्या कर शवों को ठिकाने लगा देता था और फिर लूटे गए वाहनों को ग्रे मार्केट में 20,000-25,000 रुपये में बेच देता था।
उसे 2007 में एक हत्या के मामले में फर्जी नाम से गिरफ्तार किया गया था। उसने अपनी असली पहचान या पिछली संलिप्तताओं के बारे में बिना कुछ बताए जयपुर में 14 साल जेल में काटे। 2021 में जमानत पर रिहा होने के बाद वह कासिमपुर में जाकर रहना शुरू किया था।
राजेंद्र पर हत्या, अपहरण और डकैती के मामलों सहित 12 आपराधिक मामले हैं। दिल्ली और गुरुग्राम में दर्ज चार हत्या के मामलों में वह अबतक वांछित था, जिनमें उसे गिरफ्तार नहीं किया गया जा सका था। उक्त थाना पुलिस को राजेंद्र की गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है।
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