नहीं कराया है किरायेदार का वेरिफिकेशन तो बढ़ सकती है आप की मुसीबत
दिल्ली की एक अदालत ने पिछले चार सालों से घर में रहने वाले अपने किरायेदार का पुलिस सत्यापन न करा पाने में नाकाम रहने पर मकान मालिक को दोषी ठहराया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। किरायेदारों के वेरिफिकेशन को शायद ही हम महत्व देते हैं। लेकिन अब ऐसी लापरवाही मकान मालिकों पर भारी पड़ सकती है। कानून भी कहता है कि आपकी सुरक्षा आपके खुद के हाथ में है। यदि आप से चूक हुई तो कोई अपराधी घर में ठिकाना बनाकर आपको नुकसान पहुंचा जाता है। ऐसे में कानून भी आपको ही सजा देगा। हालांकि, कानूनी प्रावधान होने के बावजूद वेरिफिकेशन नहीं कराने वालों की संख्या बहुत कम है।
मकान मालिक को दोषी
अब ऐसा ही एक मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है। दिल्ली की एक अदालत ने पिछले चार सालों से घर में रहने वाले अपने किरायेदार का पुलिस सत्यापन न करा पाने में नाकाम रहने पर मकान मालिक को दोषी ठहराया है।अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जितेंद्र सिंह ने कहा कि आरोपी के पक्ष में पर्याप्त रिकॉर्ड नहीं हैं, सभी पक्षों की जांच की जा रही है। पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष अभियुक्त के खिलाफ (भारतीय दंड संहिता) आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध को साबित करने में सफल रहा है, इसलिए आरोपी को अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है।
कानून का पालन नहीं किया
पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष सफलतापूर्वक यह बताने में सफल हुआ है कि अभियुक्त ने कानून का पालन नहीं किया था और पुलिस स्टेशन पर किरायेदार सत्यापन फॉर्म जमा नहीं करके संबंधित अतिरिक्त आयुक्त पुलिस (एसीपी) के आदेश का उल्लंघन किया। हेड कांस्टेबल राज कुमार की शिकायत के बाद आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस की तरफ से की गई है पहल
पुलिस की ओर से किरायेदारों के वेरिफिकेशन का कार्य किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अपने किरायेदारों का पुलिस सत्यापन न कराने वाले मकान मालिक जितनी जल्दी हो सके यह कार्य पूरा करवा लें, वरना पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ धारा-188 के तहत एफआइआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करनी होगी। हाल-फिलहाल पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।
कई मामलों के सुलझाने में हुई आसानी
वेरिफिकेशन के कार्य के लिए लोगों को दूर न जाना पड़े, इस बात को देखते हुए सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने इलाकों में जगह-जगह सत्यापन शिविर लगाएं। किरायेदार व घरेलू सहायक का वेरिफिकेशन सुरक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है। कई वारदात की छानबीन के दौरान पुलिस आरोपी तक केवल इसलिए पहुंच सकी, क्योंकि उसके पास घरेलू सहायक के पते व रिश्तेदारों से जुड़ी तमाम जानकारियां मौजूद थीं। ऐसा इसलिए संभव हुआ, क्योंकि पुलिस ने इनका वेरिफिकेशन किया था।
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