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    Delhi: Etihad एयरवेज को सेवा में कमी का पाया गया दोषी, स्वीडन की महिला यात्री को चुकाएगी मुआवजा

    Updated: Tue, 24 Sep 2024 06:53 PM (IST)

    Delhi News दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एतिहाद एयरवेज (Etihad Airways) को स्वीडन की एक महिला यात्री के केबिन बैग को समय पर न पहुंचाने के कारण सेवा में कमी का दोषी ठहराया है। आयोग ने एयरवेज को यात्री को 50000 रुपये मुआवजा और 25000 रुपये मुकदमे की लागत के रूप में भुगतान करने का आदेश दिया है।

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    एयरवेज को सेवा में कमी का पाया गया दोषी, स्वीडन की महिला यात्री को चुकाएगी मुआवजा।

    रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एतिहाद एयरवेज (Etihad Airways) को स्वीडन की नागरिक महिला को उसका केबिन बैग मिलने में देरी होने से हुई शारीरिक और मानसिक पीड़ा के लिए सेवाओं में कमी का दोषी ठहराया। आयोग ने एतिहाद एयरवेज को यात्री को मुआवजे के लिए दो माह के अंदर 50 हजार रुपये की राशि का भुगतान करने और मुकदमे की लागत के लिए 25 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।

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    उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल व सदस्य जेपी अग्रवाल की पीठ ने एयरवेज को 17 नवंबर तक शिकायतकर्ता महिला को ये भुगतान करने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि अगर एयरवेज इस राशि को उक्त तारीख तक देने में विफल होता है तो उसे फिर नौ प्रतिशत ब्याज के साथ शिकायतकर्ता महिला को भुगतान करना होगा।

    सेवा में कमी की शिकायत की

    शिकायतकर्ता महिला आशा देवी ने केबिन बैग से उसका कीमती सामान खो जाने को लेकर एयरवेज के खिलाफ सेवा में कमी और उल्लंघन का आरोप लगाते हुए शिकायत दायर की थी। जिसे लेकर प्रतिवादी की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी कि महिला के पास अगर कीमती सामान था तो उसने संपत्ति अनियमितता रिपोर्ट (पीआईआर) में कोई घोषणा क्यों नहीं की।

    प्रतिवादी की इस दलील के बाद फोरम ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि शिकायतकर्ता ने एयरवेज के पास शिकायत दर्ज करते समय कीमती सामान का कोई उल्लेख नहीं किया था।

    महिला ने शिकायत में क्या कहा

    शिकायतकर्ता महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि वो स्वीडन की नागरिक हैं और पीआईओ (भारतीय मूल के व्यक्ति) वीजा के तहत दिल्ली क्षेत्र में रह रही हैं। उसने बताया कि उसने स्वीडन से दिल्ली यात्रा करने के लिए एतिहाद एयरवेज का टिकट खरीदा था। यात्रा में बर्लिन और अबू धाबी में यात्रा का ट्रांजिट था।

    एयर होस्टेस ने सामान अलग रखा

    बर्लिन हवाई अड्डे से जब यात्री बैठ रहे थे तो सभी सीटें भर जाने के कारण अधिकारियों ने उसे बिजनेस श्रेणी में अपग्रेड कर दिया गया। शिकायतकर्ता ने दलील दी कि इस दौरान एयरहोस्टेस ने उसे ओवरहेड केबिन लॉकर में जगह की कमी के कारण केबिन बैग को किसी दूसरे स्थान पर ले जाने का सुझाव दिया। बाद में एयरहोस्टेस ने खुद ही उसका सामान दूसरी जगह रख दिया।

    दिल्ली उतरने पर भी उसे बैग नहीं मिला तो उसे इमिग्रेशन और बैगेज क्लेम के लिए कहा गया। इसके बाद उसने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआई) परिसर में एतिहाद एयरवेज काउंटर पर खोए हुए केबिन बैगेज के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद उसे मौखिक रूप से आश्वासन दिया गया कि उसका सामान उसके पास पहुंच जाएगा।

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    महिला ने कहा कि कई दिनों के बाद एक कोरियर देने वाला उसके बैग को प्लास्टिक में लपेट कर लाया, लेकिन बैग में रखे उसके 24 लाख स्वीडिश करंसी, सोने की चेन, राडो की कलाई घड़ी, सोनी हैंडफोन गायब थे। उसने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की लेकिन कोई मदद नहीं मिली।