CM Rekha Gupta पर जनसुनवाई में हमला, दिल्ली में पहले भी मुख्यमंत्री पर हो चुके हैं अटैक
Delhi CM security breach दिल्ली की मुख्यमंत्री Rekha Gupta पर जनसुनवाई के दौरान हमला हुआ जिसके बाद सरकार ने सुरक्षा प्रोटोकॉल सख्त करने के संकेत दिए हैं। पहले भी मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल पर जनता के बीच हमले हुए थे पर जनसुनवाई में नहीं। सरकार जनसुनवाई जारी रखेगी लेकिन अब शिकायतकर्ताओं को मुख्यमंत्री के नजदीक जाने की अनुमति नहीं होगी। प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली।Delhi CM Attacked: दिल्ली में पूर्व में मुख्यमंत्री पर हमले हो चुके हैं। मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल पर जनता के बीच कई बार हुए हमले, परंतु जनसुनवाई के दौरान ऐसी कोई घटना नहीं हुई। हालांकि उन्होंने 10 साल के अपने कार्यकाल में जनसुनवाई नहीं की। वर्ष 2013 में केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहते हुए ओपन जनसुनवाई जरूर शुरू की थी।
मगर वह एक ही दिन चल सकी थी, हंगामा हो जाने पर उन्हें इसे बंद करना पड़ गया था। इधर हमले के बाद भी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जनसुनवाई को जारी रखने के संकेत दिए हैं। दिल्ली सरकार के सूत्रों ने कहा जनसुनवाई तो जारी रहेगी मगर उसका तरीका बदलेगा, अब शिकायत लेकर आए लोग मुख्यमंत्री के बिल्कुल नजदीक तक नहीं पहुंच सकेंगे।
दिल्ली की मुख्यमंत्री पर हमला पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले मुख्यमंत्री रहते हुए अरविंद केजरीवाल पर उनके 10 साल 49 दिन के कार्यकाल में सात बार हमले हुए इस दौरान दो बार उनसे मारपीट करने की कोशिश की गई। मगर वह हमले कार्यक्रमों के दौरान जनता के बीच हुए।
जबकि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला जनसुनवाई के दौरान हुआ है। केजरीवाल के समय जनसुनवाई की बात करें तो उन्होंने 2013 में जब कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी तो ओपन जनसुनवाई शुरू की थी। दिल्ली सचिवालय पर यह जनसुनवाई केवल एक दिन ही चल सकी थी।
इसके अगले दिन दिल्ली सचिवालय पर इतनी अधिक भीड़ एकत्रित हो गई थी कि हंगामा मच गया। जनता सचिवालय के अंदर घुसने के लिए उतारू हो गई। सुरक्षा कर्मियों ने सचिवालय के सभी गेट बंद कर लिए और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सचिवालय की इमारत की सामने वाली छत पर अपने नेताओं के साथ खड़े होकर लोगों से धैर्य रखने की अपील की गई।
हालांकि उस समय यह सरकार अधिक दिन नहीं चल सकी और यह जनसुनवाई भी ठप हो गई। उस समय यह सरकार 49 दिन के बाद यह सरकार चली गई थी। उसके बाद 2013 से 2025 तक अलग-अलग घटनाओं में रोड शो और कार्यक्रमों के दौरान केजरीवाल पर हमले हुए थे।
दूसरे राज्यों में प्रोटोकॉल का अत्यधिक जाता है ध्यान रखा
मगर रेखा गुप्ता पर जिस तरीके से अब यह हमला हुआ है इसे लेकर एक नई बहस चढ़ गई है कि क्या जनसुनवाई में मुख्यमंत्री को जनता से इतनी नजदीकी रखती उचित है। राजनीति के जानकारों की मानें तो दूसरे राज्यों में भी जनसुनवाई होती है।
भाजपा शासित ही नहीं अन्य पार्टियों के सत्तासीन राज्यों में भी जनसुनवाई हो रही है। मगर वहां पर प्रोटोकाल का अत्यधिक ध्यान रखा जाता है और अपनी शिकायत देने आए व्यक्ति और मुख्यमंत्री के बीच दूरी रहती है।
इस दौरान सुरक्षाकर्मी भी चारों ओर से सक्रियता के साथ खड़े रहते हैं। दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा की जा रही जनसुनवाई में सुरक्षा व्यवस्था जरूर रहती है मगर इस तरीके का प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जा रहा था।
जारी रहेगी जनसुनवाई
हमले के बाद से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है, मगर दिल्ली सरकार और भाजपा नेताओं का कहना है जनसुनवाई जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने उनके साथ इस तरीके की बात कही है।
दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा की मानें तो मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि हमें काम करने से रोकने के लिए इस तरीके के हमले होते रहेंगे और हमें इन सबके लिए तैयार रहना पड़ेगा और जनता के लिए काम करते रहना है, जनसुनवाई जारी रखी जाएगी।
दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि जिस तरीके से हमले की यह घटना हुई है, इसे लेकर अब प्रोटोकाल का पालन सख्ती से किया जाएगा और जनसुनवाई के दौरान भी सीएम और शिकायत देने वाले व्यक्ति के बीच दूरी निर्धारित की जाएगी। हर बुधवार को सीएम सिविल लाइन स्थित कैंप कार्यालय पर सुबह जनसुनवाई करती हैं।
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