दिल्ली में इस योजना को फिर लाएगी रेखा गुप्ता सरकार, पहली बार 1981 में हुई थी शुरू
दिल्ली सरकार (Delhi CM Rekha Gupta) कुष्ठ रोग से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए 1981 में शुरू हुई योजना को पुनर्जीवित करने जा रही है। पहले सूखा राशन दिया जाता था जिसे बाद में मासिक भत्ते में बदल दिया गया। वर्तमान में 3000 रुपये प्रति व्यक्ति दिए जाते हैं। योजना को पुनर्गठित कर दायरा बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। सरकार ने बजट आवंटन भी बढ़ाया है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार कुष्ठ रोग से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए अपनी योजना को पुनर्जीवित करने की योजना बना रही है। वह योजना, जो समाज कल्याण विभाग के अधीन होगी, पहली बार 1981 में शुरू की गई थी।
विभाग ने कहा है कि नई पुनर्वास योजना को मजबूत बनाने एवं सहायता की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिएम काम चल रहा है। शुरुआत में, इस योजना के तहत लोगों को सूखा राशन दिया जाता था, जिसे बाद में 1991 में मासिक भरण-पोषण भत्ते से बदल दिया गया।
वर्तमान में यह भत्ता प्रति व्यक्ति 3,000 रुपये प्रति माह है। एक अधिकारी के अनुसार, इस योजना में वर्तमान में 378 लाभार्थी शामिल हैं। पिछली सरकार ने इसे "बंद योजना" के रूप में वर्गीकृत किया था।
हालांकि एक सरकारी नोट में कहा गया है कि नए नामांकन की अनुमति नहीं दी जाएगी, प्रशासन इसके पुनर्गठन और इसके दायरे को बढ़ाने के तरीकों पर काम कर रहा है।
मालूम हो कि कुष्ठ रोग, माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु से होने वाला एक दीर्घकालिक जीवाणु संक्रमण है। यह मुख्य रूप से त्वचा, आंखों, नाक और परिधीय तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। इससे त्वचा पर घाव, सुन्नता और हाथों-पैरों में कमज़ोरी आ जाती है।
समाज कल्याण विभाग ने कहा कि यह योजना बंद होने से पहले दशकों तक कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के लिए सहायता का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही थी।
2023-24 के बजट अनुमान में, सरकार ने इस योजना के लिए 1.50 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे, जिसमें से 1.45 करोड़ रुपये खर्च किए गए। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 के लिए आवंटन बढ़ाकर 1.65 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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