दिल्ली में पुराने वाहन नहीं होंगे जब्त, CAQM ने दी राहत; इस तारीख के बाद NCR में भी कार्रवाई
दिल्ली में 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर लगी तेलबंदी फिलहाल हटा ली गई है। सीएक्यूएम की बैठक में इस पर फैसला लिया गया। दैनिक जागरण में सोमवार को प्रकाशित खबर पर मुहर लग ही गई। एक नवंबर से नोएडा गाजियाबाद फरीदाबाद गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा के साथ ही दिल्ली में भी शुरू होगा।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर लगी तेलबंदी फिलहाल हटा दी गई है। दिल्ली सरकार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने फिलहाल इस अभियान को लगभग चार माह के लिए स्थगित कर दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी में उम्रदराज वाहनों पर होने वाली कार्रवाई अब एक नवंबर से अमल में लाई जाएगी। तब इन वाहनों पर लगा प्रतिबंध केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि दिल्ली के साथ- साथ पांच एनसीआर जिलों में भी लागू होगा।
सीएक्यूएम ने निर्देश संख्या 89 में भी संशोधन कर दिया है। ज्ञात हो कि दैनिक जागरण ने सोमवार के अंक में ही पेज एक पर ''पुराने वाहनों को सीएक्यूएम से मिल सकती है राहत'' शीर्षक से प्रकाशित खबर में पाठकों को यह जानकारी दे दी थी। मंगलवार को सीएक्यूएम की बैठक में जागरण की इस खबर पर मुहर भी लग गई।
राष्ट्रीय राजधानी में एक जुलाई से उम्रदराज वाहनों को ईंधन देने पर रोक लगा दी गई थी। साथ ही ऐसे वाहनों को जब्त कर उन्हें स्क्रैप के लिए भेजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। इस कार्रवाई की आलोचना भी हो रही थी और सियासत भी।
आम आदमी पार्टी लगातार दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार पर हमले बोल रही थी। इस पर सियासत एवं आम जन की परेशानियों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यह कार्रवाई रोकने के लिए सीएक्यूएम को एक पत्र भी लिखा था।
दिल्ली सरकार के पत्र और अनुरोध को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को सीएक्यूएम अध्यक्ष राजेश वर्मा की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि दिल्ली में पुराने वाहनों पर होने वाली यह कार्रवाई अब एक नवंबर से अमल में लाई जाएगी।
एक नवंबर से बढ़ेगा कार्रवाई का दायरा
सीएक्यूएम ने भी फैसला लिया है कि एक नवंबर से ऐसे वाहनों पर कार्रवाई का दायरा भी बढ़ेगा। दिल्ली के साथ-साथ पांच एनसीआर जिलों में भी इस कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा।
आयोग ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि दिल्ली और एनसीआर के जिलों में एक साथ तेलबंदी लागू करना उचित होगा। अब एक नवंबर से गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद और सोनीपत में भी पाबंदियां लागू की जाएंगी।
दिल्ली सरकार ने पत्र में किया था अनुरोध
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आयोग को पत्र लिखकर उम्रदराज वाहनों के लिए तेलबंदी के फैसले पर रोक लगाने को कहा था। उन्होंने परिचालन, ढांचागत और तकनीकी बाधाओं के आधार पर यह आग्रह किया था कि आदेश को तत्काल प्रभाव से तब तक के लिए रोक दिया जाए जब तक कि ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) सिस्टम पूरे एनसीआर में इंटिग्रेट नहीं हो जाता।
एलजी ने सीएम को लिखा था पत्र
एलजी वीके सक्सेना ने भी इस मसले पर सीएम रेखा गुप्ता को एक पत्र लिखा था। उन्होंने उम्रदराज वाहनों को ईंधन नहीं देने की योजना पर गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अभी इस तरह के प्रतिबंध के लिए तैयार नहीं है।
इस फैसले से आम लोगों खासतौर पर मध्यम वर्गीय लोगों को भारी नुकसान होगा। यह फैसला सामाजिक और आर्थिक दोनों ही लिहाज से उचित नहीं लगता।
सीएम ने सुप्रीम कोर्ट जाने की कही है बात
सीएम रेखा गुप्ता का भी बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। दिल्ली सरकार शीर्ष अदालत को प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देगी।
साथ ही अनुरोध करेगी कि वह राष्ट्रीय राजधानी में उम्र दराज वाहनों पर एनसीआर के बाकी हिस्सों की तरह ही समान नियम लागू करने की इजाजत दे।
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