Delhi: CBI की पूछताछ से एक दिन पहले तमिलनाडु के CM को केजरीवाल का पत्र, लिखा- थैंक्यू...
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गैर भाजपा शासित राज्यों की विधानसभाओं से पारित विधेयकों को राज्यपाल/उपराज्यपालों द्वारा लंबित रखने की बढ़ती प्रवृति के खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा में पारित संकल्प के समर्थन में वहां के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को पत्र लिखकर धन्यवाद ज्ञापित किया है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य विधानसभाओं द्वारा परित विधेयकों पर राज्यपालों या उपराज्यपालों के निर्णय लेने की समय सीमा तय करने पुरजोर समर्थन किया है। उन्होंने तमिलनाडु विधानसभा में इसी तरह की मांग का प्रस्ताव पारित करने पर वहां के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को पत्र लिखकर बधाई दी है।
साथ ही कहा है कि आगामी सत्र में दिल्ली विधानसभा भी ऐसा ही प्रस्ताव पारित करेगी, जिसमें राष्ट्रपति और केंद्र सरकार से राज्य विधायिकाओं से पारित विधेयकों पर फैसले लेने की समय सीमा तय करने की मांग की जाएगी।
संविधान के संघीय ढांचे की धज्जियां उड़ा रहे
सीएम केजरीवाल ने कहा है कि गैर भाजपा शासित राज्यों के राज्यपाल या उपराज्यपाल संविधान के संघीय ढांचे की धज्जियां उड़ा रहे हैं और वहां की विधायिकाओं से पारित विधेयकों को जानबूझ कर लंबित रख रहे हैं। उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम देश के सामने यह उजागर करें कि भारत केंद्र सरकार और उसके प्रतिनिधियों से नहीं, बल्कि कानून के शासन से शासित है।
पत्र में और क्या कहा?
सीएम स्टालिन को लिखे पत्र में सीएम केजरीवाल ने कहा है कि यह सर्वविदित है कि भारत में लोकतंत्र पर रोजाना हमला हो रहा है। हमारे संविधान में दिए गए स्वतंत्रता, समानता, धर्मनिरपेक्षता और बंधुत्व समेत हर सिद्धांत से समझौता किया जा रहा है।
निःसंदेह हमारा संघीय ढांचा देश के सबसे दूरस्थ कोने में बैठे लोगों को मताधिकार देता है। जो ताकतें संविधान में दी गई शक्तियों को अवैध रूप से केंद्रीकृत करना चाहती हैं, उनसे हमारे संघीय ढांचे को भी गंभीर खतरा है।
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