Year Ender 2023: वो बड़े मुद्दे, जिनको को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच रही खींचतान; जानें पूरी कहानी
दिल्ली में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच खींचतान सिर्फ 2023 में ही देखने को नहीं मिली। इससे पहले 2022 में भी कमोवेश यहीं स्थिति रही। हालांकि जब दिल्ली में अधिकारों की लड़ाई का सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और शीर्ष ने अदालत ने अपना फैसला तो सभी का दिल्ली की तरफ ध्यान आकर्षित हुआ। जानें उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच किन-किन विषयों को लेकर खींचतान देखने को मिली।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2023 दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi CM vs LG) के बीच खींचतान भरा साल रहा है। कई मुद्दों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच संघर्ष देखने को मिला। साथ ही दिल्ली के अधिकारों की लड़ाई का मामला देश की शीर्ष अदालत में भी पहुंचा। आईए जानते हैं कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच किन-किन विषयों को लेकर खींचतान देखने को मिली।
वैसे तो दिल्ली में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच खींचतान सिर्फ 2023 में ही देखने को नहीं मिली। इससे पहले 2022 में भी कमोवेश यहीं स्थिति रही। हालांकि, जब दिल्ली में अधिकारों की लड़ाई का सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और शीर्ष ने अदालत ने अपना फैसला तो सभी का दिल्ली की तरफ ध्यान आकर्षित हुआ।
शिक्षकों फिनलैंड ट्रेनिंग पर भेजने का मामला
दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग पर फिनलैंड भेजने की अनुमति न देने पर सरकार और एलजी ऑफिस के बीच जनवरी महीने में तनातनी देखने को मिली। उपराज्यपाल पर शिक्षकों ट्रेनिंग पर भेजने की फाइल को रोकने का आरोप लगाया गया। इसके विरोध में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ विधानसभा से राज निवास तक मार्च किया था। उस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था, "एल-जी हमारे हेडमास्टर नहीं हैं।"
शराब घोटाले में सिसोदिया की गिरफ्तारी
इसके बाद दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मामले में फरवरी महीने में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई के द्वारा गिरफ्तारी के साथ टकराव देखी गई। खास बात है कि उपराज्यापाल ने वीके सक्सेना ने पिछले साल कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। आप सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र और उपराज्यपाल पर शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में उसके अच्छे कार्यों को पटरी से उतारने की साजिश का आरोप लगाया था।
दिल्ली में बिजली सब्सिडी पर टकराहट
मार्च महीने में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच बिजली सब्सिडी के मुद्दे पर भी टकराहट देखने को मिली। केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) पर बिजली सब्सिडी खत्म करने की साजिश करने का आरोप लगाया। उस समय आतिशी ने कहा कि मेरे पास बिजली विभाग से आई एक फाइल में किसानों और वकीलों को फ्री बिजली बंद करने का प्रस्ताव किया है। यह उपराज्यपाल और भाजपा नेताओं के दबाव के कारण प्रस्ताव तैयार किया गया है।
दिल्ली के बॉस पर सुप्रीम फैसला
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के तमाम आरोपों और टकराहट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई 2023 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने उस समय कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास ही असली शक्ति होनी चाहिए। जमीन, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामलों को छोड़कर सेवा विभाग के मामलों पर दिल्ली सरकार की विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं।
केंद्र का दिल्ली को लेकर अध्यादेश
फैसले के कुछ ही घंटों के भीतर केजरीवाल सरकार ने सेवा सचिव का तबादला कर दिया और सतर्कता निदेशालय सहित शीर्ष अधिकारियों को उनके स्थान पर भेज दिया। हालाँकि, जब आप सरकार अपने लाभ गिनाने में व्यस्त थी, तब केंद्र ने उपराज्यपाल के माध्यम से सेवाओं से संबंधित नियंत्रण पुनः प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश जारी किया, जोकि बाद में कानून का स्वरूप ले लिया।
इस कानून में सेवाओं से संबंधित मामले मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) को सौंप दिए गए। हालाँकि, वास्तविक नियंत्रण उपराज्यपाल के पास है, क्योंकि इसके अन्य दो सदस्य नौकरशाह हैं।
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अधिकारियों पर मंत्रियों की बात न अनसुनी करने का आरोप
अगस्त में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अधिनियम लागू होने के बाद निर्वाचित सरकार के उपराज्यपाल और अधिकारियों के साथ संबंधों में और खटास आ गई। आप सरकार ने अधिकारियों पर उसके काम में बाधा डालने, मंत्रियों की बात अनसुनी करने और बैठकों में शामिल नहीं होने का आरोप लगाया। सौरभ भारद्वाज और आतिशी जैसे मंत्रियों ने अलग-अलग मौकों पर वित्त विभाग पर प्रमुख परियोजनाओं के लिए धन रोकने का आरोप लगाया।
राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सेवाओं से संबंधित विधेयक के पास होने के बाद पहला मौका था, जब एलजी वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शहीदी पार्क के उद्घाटन के वक्त एक मंच पर दिखाई दिए। यहां भी दोनों के मतभेद खुलकर दिखे। मंच पर मुख्यमंत्री नगर निगम को साफ-सुथरा करने की बात कहते रहे। दूसरी ओर, एलजी केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में किए जा रहे कार्यों को गिनाते दिखे।
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