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    दिल्ली में जमकर विकास कार्य भी चला और पिछले 8 साल में प्रदूषण का स्तर गिरा- CM केजरीवाल

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Mon, 05 Jun 2023 11:51 PM (IST)

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि राजधानी में पिछले आठ साल में प्रदूषण में कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान दिल्ली में विकास कार्य भी जोरों पर चला है। राजधानी में स्कूल फ्लाईओवर सड़क अस्पताल बने और बन रहे हैं।

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    दिल्ली में जमकर विकास कार्य भी चला और पिछले 8 साल में प्रदूषण का स्तर गिरा- CM केजरीवाल

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की हवा और पानी को शुद्ध बनाने में भागीदार बनने के लिए दिल्ली वालों का आह्वान किया है। 50वें विश्व पर्यावरण दिवस पर त्यागराज स्टेडियम में आयोजित पर्यावरण सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद उन्होंने कहा कि हमें प्रण लेना चाहिए कि सब मिलकर दिल्ली को स्वच्छ बनाने के लिए इसे एक जन आंदोलन बनाएंगे।

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    हम एक ऐसे वातावरण का निर्माण करेंगे, जहां स्वच्छ हवा, शुद्ध पानी, खुशहाल व स्वस्थ लोग निवास करें। ये काम अकेले सरकार नहीं कर सकती। जन सहभागिता की बदौलत ही 2016 के मुकाबले 2022 में दिल्ली में पीएम-2.5 व पीएम-10 में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

    इस तरह कर रहे प्रदूषण कम करने का प्रयास

    उन्होंने कहा कि हम रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट तकनीक की मदद से प्रदूषण के वास्तविक स्रोत का पता लगाकर उसे कम करने का प्रयास कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि जब हम विकास की बात करते हैं तो माना जाता है कि इसके साथ प्रदूषण भी होगा।

    पूरी दुनिया में प्रदूषण बढ़ा

    पिछले 50 वर्षों में पूरी दुनिया में प्रदूषण बढ़ा है। भारत में भी हर शहर, कस्बे या गांव में प्रदूषण बढ़ा है। लेकिन दिल्ली में प्रदूषण घटा है। पिछले आठ सालों में स्कूल, अस्पताल, सड़कें, फ्लाईओवर सब बन रहे हैं, लेकिन प्रदूषण बढ़ने के बजाय कम हुआ है।

    विकास की गति चली और प्रदूषण भी न होने दिया

    हमने दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ मिलकर विकास की गति को कम नहीं होने दिया और प्रदूषण को कम किया है। दिल्ली अकेला शहर है, जहां पेड़ों की संख्या बढ़ती जा रही है। 2013 में दिल्ली के कुल क्षेत्रफल के 20 प्रतिशत हिस्से में पेड़ थे और आज (2023) ट्री कवर (पेड़ों की संख्या) 23 प्रतिशत है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ नारा दिया था। इसके तहत पराली से उठे धुएं के समाधान के लिए दिल्ली सरकार ने पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर एक घोल तैयार किया जिसका छिड़काव कर दिल्ली में किसान पराली को नष्ट करते हैं।

    दिल्ली में करीब पांच हजार एकड़ क्षेत्र में खेती होती है। पंजाब से आने वाले धुएं को खत्म करने के लिए लगातार पंजाब सरकार के संपर्क में हैं।

    पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के नेतृत्व में पर्यावरण सम्मेलन अभियान को दिल्ली के कोने-कोने में लेकर जाएंगे। इसके तहत दिल्ली में इको क्लब, आरडब्लूए, धार्मिक संस्थान, व्यापारी संगठनों के साथ मिलकर इसी तरह के पर्यावरण सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा।

    साथ ही उस पर्यावरण सम्मेलन के माध्यम से पौधे वितरण का काम भी किया जाएगा। जिससे हम हरित क्षेत्र को बढ़ा सकें, प्रदूषण को घटा सकें और दिल्ली वासियों की मदद से दिल्ली को एक पर्यावरण अनुकूल शहर बना सकें। कार्यक्रम में प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक और पर्यावरण को लेकर गीत की प्रस्तुति दी गई।

    पर्यावरण विभाग की ओर से भविष्य में ऑक्सीजन की स्थिति को खराब होने से बचाने के लिए इस पर बनी एक लघु फिल्म दिखाई गई। पर्यावरण से संबंधित ईको क्लब, आरडब्ल्यूए और फारेस्ट गार्डों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय, स्थानीय विधायक मदन लाल, मुख्य सचिव एके सिंह, पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।