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    दिल्ली में बंद होगा 2800 से अधिक क्लस्टर बसों का संचालन! सरकार पर 300 करोड़ रुपए बकाया

    By Jagran News Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 02 Jun 2025 04:08 PM (IST)

    दिल्ली में 2800 से अधिक क्लस्टर बसों का संचालन खतरे में है क्योंकि दिल्ली सरकार पर इनके मालिकों का 300 करोड़ रुपये बकाया है। निजी ट्रांसपोर्टरों का कह ...और पढ़ें

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    2800 से अधिक क्लस्टर बसों का संचालन खतरे में है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन 2800 से अधिक क्लस्टर बसों का संचालन खतरे में है।

    दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) के तहत निजी ट्रांसपोर्टरों द्वारा संचालित इन सीएनजी बसों के मालिकों पर दिल्ली सरकार का 300 करोड़ रुपये का कर्ज है।

    ये बसें एसी में नीले रंग और सामान्य में नारंगी रंग में दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती हैं। ट्रांसपोर्टरों का आरोप है कि सरकार ने फरवरी से अब तक 10 किस्तों का भुगतान नहीं किया है।

    ऐसे में उन्होंने बसों का संचालन बंद करने की चेतावनी दी है। नाम न छापने की शर्त पर एक बस ऑपरेटर ने बताया कि पहले बसों के संचालन का भुगतान हर माह तीन किस्तों में मिलता था, लेकिन फरवरी में सिर्फ दो किस्तों का भुगतान हुआ और उसके बाद से कोई राशि नहीं मिली है।

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    दिल्ली की सड़कों से ब्लू लाइन बसों का संचालन हटाने के बाद वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान से निजी बस ऑपरेटरों को डिम्ट्स के तहत जोड़ा गया था। ये बसें परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित रूटों पर चलती हैं और दावा है कि इनसे रोजाना चार लाख यात्री सफर करते हैं। इसके संचालन से 100 ट्रांसपोर्टर और 15 हजार कर्मचारी जुड़े हैं।

    टेंडर के जरिए रूट आवंटन में बसों को एसी के लिए औसतन 95 रुपये प्रति किमी और सामान्य के लिए 68 रुपये का भुगतान किया जाता है। इन बसों को प्रतिदिन 200 किमी चलाना होता है।

    ट्रांसपोर्टरों के मुताबिक यह परिचालन लागत डीटीसी बसों से 30 फीसदी कम है, फिर भी अन्याय हो रहा है। सरकार इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ावा देने के लिए सीएनजी बसों का संचालन बंद करने की योजना बना रही है, लेकिन सड़कों पर सार्वजनिक बसों की कमी बड़ी बाधा बन रही है।

    3,200 क्लस्टर बसों के संचालन के लिए डीएमटीएस के साथ 10 साल का समझौता हुआ है, जिसमें अब तक 500 बसें दिल्ली की सड़कों से हट चुकी हैं। दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने इस संबंध में दिल्ली के परिवहन मंत्री और सचिव को पत्र लिखा है।