Delhi Student Suicide: CBSE की परीक्षा में आए 83% नंबर, फिर भी नाखुश 10वीं के छात्र ने की आत्महत्या
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में CBSE के दसवीं के एक छात्र ने 83% अंक आने के बावजूद उदास होकर आत्महत्या कर ली। छात्र अक्षत कोचिंग जाने का बहाना करके घर की छत पर बने स्टोर रूम में गया और फांसी लगा ली। परिजनों ने बताया कि उन्होंने उस पर कभी पढ़ाई का दबाव नहीं डाला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। उत्तरी जिले के बुराड़ी में सीबीएसई रिजल्ट में 83 प्रतिशत नंबर लाने से उदास दसवीं के छात्र ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। नतीजे घोषित होने के बाद वह बेहद उदास था। कोचिंग जाने की बात कर वह घर की छत पर बने स्टोर रूम में पहुंचा और वहां फंदा लगा लिया। मृतक की पहचान अक्षत के रूप में हुई। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
परिवार का इकलौता बेटा था अक्षत
अक्षत परिवार का इकलौता बेटा था। स्वजन का कहना है कि उन्होंने बेटे पर कभी पढ़ाई का दबाव नहीं बनाया। पुलिस उसका मोबाइल फोन कब्जे में लेकर छानबीन कर रही है। उपायुक्त राजा बांठिया के मुताबिक, मंगलवार की रात करीब आठ बजे बुराड़ी के सरकारी अस्पताल से उन्हें एक छात्र के फंदा लगाने की सूचना मिली। उसके स्वजन ने बताया कि वे एकता सोसायटी, संत नगर बुराड़ी में रहते हैं।
क्या करते हैं अक्षत के माता-पिता?
अक्षत के पिता भुवनेश कुमार पालीवाल डॉक्टर लाल पैथ लैब में जनरल मैनेजर हैं, जबकि मां दिल्ली नगर निगम के स्कूल में टीचर हैं। अक्षत मॉडल टाउन के एक नामी स्कूल में पढ़ता था। फिलहाल वह बुराड़ी स्थित आकाश इंस्टीट्यूट में मेडिकल की तैयारी कर रहा था। मंगलवार को रिजल्ट आने के बाद वह उदास था। दोपहर करीब तीन बजे उसने मां से कहा कि वह कोचिंग जा रहा है।
कोचिंग जाने की बात कहकर लगा लिया फंदा
कोचिंग जाने के बजाय वह छत पर बने स्टोर रूम में गया और उसने चुन्नी के सहारे फंदा लगा लिया। शाम करीब 4.30 बजे उसकी मां ने उसे कॉल की तो उसका फोन नहीं उठा। मां ने कोचिंग के टीचर को कॉल की। वहां उसके न आने का पता चला। इसके बाद वैन के चालक को कॉल करने पर कोचिंग न जाने का पता चला।
इसके बाद मां को कुछ शक हुआ। वह छत की ओर गई, तो छत की कुंडी अंदर की ओर से बंद थी। मां पड़ोसी की छत से पहुंची। स्टोर में बेटे को फंदे से लटका देखकर उसके होश उड़ गए। फंदे से उतारकर बेटे को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
क्या करें अभिभावक?
- परीक्षा में बच्चों के नंबर कम आए हैं तो उसके साथ संवाद करें। उसका उत्साह बढ़ाएं।
- कभी-कभी बच्चा ऊपर से सामान्य दिखता है, लेकिन अंदर से वह निराश होता है।
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