950 करोड़ से चमकेंगी दिल्ली की सड़कें, 415 KM रोड का होगा कायाकल्प; रेखा गुप्ता सरकार ने बढ़ाया कदम
दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए 950 करोड़ रुपये की मांग की है। 415 किलोमीटर लंबी सड़कें जर्जर हालत में हैं जिससे यातायात में परेशानी हो रही है। सरकार ने केंद्रीय सड़क निधि से सहायता की उम्मीद जताई है। इस वित्तीय वर्ष में 500 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत का लक्ष्य है। 2026 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार को विभिन्न सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए 950 करोड़ रुपये की जरूरत है। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि 415 किलोमीटर लंबी सड़कें सात-आठ वर्षों से जर्जर हैं। गड्ढे और टूटी परतों की वजह से वाहन चालकों को जाम से जूझना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि आप सरकार ने कभी केंद्र की सहायता का लाभ नहीं उठाया, जबकि केंद्रीय सड़क निधि जैसी योजनाएं हैं। इसी निधि से सड़कों को ठीक किया जाएगा। उन्होंने बतााया कि दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद से अब तक 150 किलोमीटर लंबी सड़कों की मरम्मत की जा चुकी है। करीब 100 किलोमीटर लंबी सड़क पर काम जारी है, जो जल्द पूरा होगा।
इन सड़कों की मरम्मत से सफर होगा आसान
इस वित्तीय वर्ष में सरकार कम से कम 500 किलोमीटर लंबी सड़कों की मरम्मत का लक्ष्य लेकर चल रही है। जिन सड़कों को प्रस्ताव में शामिल किया गया है, उनमें रिंग रोड, आउटर रिंग रोड, मथुरा रोड, महिपालपुर-गुरुग्राम रोड, महरौली बदरपुर रोड, नजफगढ़ ढांसा रोड व नजफगढ़ ककरौला रोड और फ्लाईओवर शामिल हैं।
सड़क मरम्मत के साथ-साथ पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ और नालों का निर्माण भी उसी परियोजना के तहत होगा। निर्माण कार्य ई-निविदा के जरिए होगा और 2026 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि केंद्र से इस बार आर्थिक सहयोग मिलेगा, जिससे काम तेजी के साथ होगा।
दिल्ली सरकार का मानना है कि राजधानी की सड़कें सिर्फ आने-जाने का माध्यम नहीं बल्कि एक शहर की पहचान होती हैं। अच्छी सड़कें न सिर्फ यात्रा को आसान बनाती हैं बल्कि अर्थव्यवस्था, व्यापार और नागरिकों के जीवन स्तर को भी ऊपर उठाती हैं। यही वजह है कि इस योजना में तकनीकी गुणवत्ता और समय सीमा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. विभाग हर चरण की निगरानी करेगा और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर भी खास फोकस होगा।
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