'जनसहभागिता से आसान हो सकती है विकसित दिल्ली की राह', विजेंद्र गुप्ता ने दी बहुमंजिला सोसायटियां बनाने की सलाह
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली को पुनर्विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने डीडीए फ्लैटों और अनधिकृत कॉलोनियों में बहुमंजिला सोसायटियां बनाने का सुझाव दिया जिससे पार्किंग और अन्य समस्याओं का समाधान हो सके। उन्होंने दिल्ली के घनत्व को कम करने के लिए एनसीआर योजना पर भी जोर दिया और पुरानी दिल्ली के बाजारों को बाहर ले जाने का सुझाव दिया।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दैनिक जागरण के विमर्श कार्यक्रम के समापन सत्र में बेहतर दिल्ली, विकसित दिल्ली विषय पर बोलते हुए दिल्ली को बेहतर बनाने के लिए इसे पुनर्विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने इसका रोडमैप भी बताया।
उन्होंने कहा कि जनसहभागिता से विकसित दिल्ली की राह आसान होगी। अध्यक्ष ने उम्र पूरी करने के कगार पर खड़े डीडीए फ्लैटों से लेकर अनधिकृत कॉलाेनियों में बहुमंजिला सोसायटियां बनाने की सलाह भी दी।
दिल्लीवासी सामूहिक प्रयास से करें अपने क्षेत्र का विकास: विजेंद्र गुप्ता
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में कई जगह डीडीए ने 1980 या उसके कुछ पहले या बाद में फ्लैट बनाए थे। उस समय एमआइजी फ्लैटाें के लिए भी उस समय की जरूरत के हिसाब से पार्किंग की सुविधा दी गई थी। उस समय ज्यादातर लोगों के पास दो पहिया ही हुआ करते थे, अब एक फ्लैट वाले के पास एक एक कार नहीं, कई कई कारें हैं, सभी जगह पार्किंग समस्या खड़ी हो गई है।
दूसरे कई जगह फ्लैट 40 से लेकर 50 और 60 साल तक ही उम्र पूरी कर चुके हैं। अब इन्हें फिर से बनाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है। अगर हम इन्हीं कॉलोनियों में बहुमंजिला इमारतें बनाते हैं तो वर्तमान की जरूरत के हिसाब से पार्किंग भी विकसित की जा सकती है और अन्य समस्याओं का भी समाधान किया जा सकता है।
दूसरे दिल्ली में अनेक अनधिकृत कॉलोनियां हैं, वहां सड़कों से लेकर अन्य सुविधाएं विकसित किए जाने के लिए जगह की समस्या है। वहां न पार्क विकसित हो सकते हैं ना सामुदायिक भवन बन सकते हैं और न ही पार्किंग और अन्य सुविधाएं विकसित हो सकती हैं।
इन कॉलोनियों के लिए लोगों को आगे आना चाहिए, ऐसे लोग आपस में मिलकर सोसायटी बनाएं, उसका पंजीकरण कराएं और उस जमीन पर बहुमंजिला इमारत बनाएं। इस तरह इन्हीं लोगों के लिए पार्किंग से लेकर सभी सुविधाएं विकसित हो सकती हैं। लोग बेहतर जिंदगी जी सकते हैं दिल्ली विकसित हो सकती है।
उन्हाेंने दिल्ली के घनत्व को कम करने के लिए एनसीआर को ध्यान में रखते हुए याेजनाएं बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया। एनसीआर में कई जगह नियोजित विकास हो रहा है उसका लाभ भी दिल्ली उठा सकती है।
आरआरटीएस जैसी और परिवहन सेवाएं विकसित किए जाने की जरूरत है। ऐसे में लोेगों का एनसीआर क्षेत्र में आवागमन आसान होगा। इसी तरह पुरानी दिल्ली में स्थित थाेक बाजारों को पुरानी दिल्ली से बाहर ले जाकर उन्हें नियोजित तरीके से विकसित किया जाना चाहिए। यह भी दिल्ली के विकास में एक बड़ा कदम होगा।
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