दिल्ली के रिहायशी इलाकों का बुरा हाल, मंडरा रहा जान का खतरा; मानसून से पहले सामने आई अफसरों की लापरवाही
दिल्ली में मानसून पूर्व वर्षा के बावजूद जलभराव की आशंका बनी हुई है क्योंकि रिहायशी इलाकों में नालों की सफाई अब तक पूरी नहीं हुई है। मानसून के चरम पर पहुंचने तक नालों की सफाई का लक्ष्य पूरा होने की संभावना कम है जिससे जलभराव और गंदगी फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। एजेंसियां सफाई के दावे कर रही हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में मानसून पूर्व वर्षा हो चुकी है और कुछ ही दिनों में मानसून भी दस्तक दे देगा, लेकिन हर वर्ष लोगों के लिए मुसीबत बनने वाला जलभराव इस वर्ष भी होने की पूरी संभावना है। क्योंकि रिहायशी इलाकों में बने नालों की सफाई अभी तक पूरी नहीं हुई है।
बता दें कि जब तक नालों की सफाई का लक्ष्य पूरा होगा तब तक मानसून अपने पीक पर होगा। जिससे वर्षा में जलभराव होने की वजह से नाले ओवरफ्लो होंगे और नालों की गंदगी रिहायशी इलाको में होगी। इससे मौसमी बीमारियां तो होंगी ही बल्कि लोगों के साथ दुर्घटनाएं भी गदंगी के कारण हो सकती है।
हर वर्ष मानसून से पूर्व नालों की सफाई से लेकर जलभराव न हो इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की जाती है। करोड़ों रुपये जनता के टैक्स इसमें खर्च किए जाते हैं, लेकिन जब मानसून की वर्षा होती है तो एजेंसियों की पोल खुल जाती है। ऐसे में इस वर्ष भी नालों की सफाई में एजेंसियों इस कछुआ चाल से वर्षा के दौरान रिहायशी इलाकों से लेकर बाजारों और प्रमुख सड़कों पर जलभराव तय है।
दिल्ली में मानसून पूर्व नालों की सफाई को लेकर किए जा रहे दावों पर दैनिक जागरण की टीम ने रविवार को कई इलाकों का निरीक्षण किया और जमीनी हकीकत को देखा। जहां कुछ बड़े नाले तो साफ होते हुए दिख रहे थे लेकिन रिहायशी इलाकों में बने नाले कूड़े से अटे पड़े थे।
पूर्वी दिल्ली की बात करें तो दिल्ली साहरपुर हाईवे की सर्विस रोड के किनारे शेरपुर के पास नाले में जमे कूड़े की मोटी परत को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसकी सफाई अभी तक हुई ही नहीं है। इसी तरह गाजीपुर मछली मंडी के पास भी नाला कूड़े से अटा पड़ा है।
उधर, वजीराबाद में सर्विस रोड पर अंबेड़कर कॉलेज के पास के नाले में जमा कूड़ा नालों की सफाई को लेकर एजेंसियों के किए जा रहे दावों की हकीकत बयान कर रहा है। इसी प्रकार एन-एच नौ पर सड़क के किनारे बसे नाले की सफाई अभी कुछ ही सप्ताह पहले हुई है और नाले में इतना कूड़ा अभी से जमा हो गया है।
इसी प्रकार दक्षिणी दिल्ली में फतेहपुर बेरी इलाके में भी नाला कूड़े से अटा पड़ा मिला। उत्तरी दिल्ली संत नगर स्थित बंगाली कालोनी का नाला काफी लंबी दूरी तक कूड़े से अटा पड़ा है। ऐसी ही स्थिति बुराड़ी के हरित विहार और समता विहार नाले की है।
उल्लेखनीय है कि नालों की सफाई की दिल्ली में मुख्य जिम्मेदारी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), एमसीडी, एनडीएमसी जैसी एजेंसियों की है। जो अपने-अपने क्षेत्राधिकार में यह कार्य हर मानसून से पूर्व करते हैं।
दिल्ली नगर निगम का दावा है कि उसने अपने नालों की सफाई का काम 80 प्रतिशत पूरा कर लिया है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक, उसके 77 नालों की सफाई का कार्य 90 प्रतिशत हो चुका है। वहीं लोक निर्माण विभाग के नालों की सफाई का कार्य 60 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है।
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