Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली की स्थिति संभली नहीं, पड़ोसी राज्य में बसें चलाने की हो रही तैयारी; DTC की बोर्ड बैठक में लग चुकी है मुहर

    Updated: Sun, 20 Jul 2025 09:11 PM (IST)

    दिल्ली सरकार धार्मिक स्थलों के लिए बसें चलाने की योजना बना रही है जिसके तहत दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) लगभग 100 बसें चलाएगा। ये बसें दिल्ली से सटे राज्यों के 17 रूटों पर चलेंगी जिनमें हरिद्वार ऋषिकेश और वृंदावन जैसे धार्मिक स्थल शामिल हैं। हालांकि परिवहन विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में बसों की कमी को देखते हुए सरकार को पहले दिल्ली के लिए बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए।

    Hero Image
    दिल्ली की स्थिति संभली नहीं, पड़ोसी राज्य में बसें चलाने की तैयारी।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में भले ही बसों की कमी की समस्या लगातार बढ़ रही है, मगर परिवहन मंत्री डॉ पंकज सिंह ने दूसरे राज्यों के लिए अपनी बसें चलाने का की रणनीति तैयार कर ली है। प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए डीटीसी की लगभग 100 बसें चलाने की तैयारी की जा रही है। कुछ समय पहले इस बारे में हुई बैठक में दिल्ली के परिवहन मंत्रालय ने इस परियोजना को आगे तेजी से आगे बढ़ाने के लिए परिवहन विभाग और डीटीसी को निर्देश दिए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कुछ माह पहले दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बोर्ड बैठक में इस परियोजना पर मुहर लग चुकी है। अंतर्राज्यीय रूटों पर चलने वाली इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली से सटे राज्यों के करीब 17 रूटों पर चलेंगी, इनमें हरिद्वार, ऋषिकेश, वृंदावन इत्यादि प्रमुख धार्मिक स्थल भी शामिल हैं। इन रूटों पर चलने के लिए नई बसें आएंगी।

    उधर परिवहन विशेषज्ञ इस योजना से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनकी मानें तो अंतर्राज्यीय रूटों पर बसें चलाने की योजना गलत नहीे है। मगर जिस तरह से दिल्ली में बसों की संख्या कम है और आगे भी औैर होती जा रही है, उस लिहाज से सरकार को पहले दिल्ली के लिए बसों का बेड़ा मजबूत करना चाहिए। उनके बाद ही दूसरे राज्य में बसें चलाने के बारे में सोचना चाहिए।

    दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन सेवा की स्थिति की बात करें तो 16 जुलाई से सड़कों से डिम्ट्स की 533 बसें सड़कों से हट गई हैं और अब माह के अंत तक 452 बसें डीटीसी की भी हटने जा रही हैं।

    यानी इस माह के अंदर तक दिल्ली में करीब 1000 बसें कम हो जाएंगी। ऐसे में माना जा रहा है कि बसों की कमी के कारण जनता को भारी परेशानी का सामना कर पड़ सकता है। जुलाई ही नहीे अाने वाले अन्य महीनों में भी इसी तरह बसें कम होती जाएंगी।

    परिवहन विभाग और डीटीसी के सामने इसी तेज गति से बसें बढ़ाने की चुनौती है, 31 मार्च तक 1680 बसें सड़कों से हट जाएंगी। अगर दिसंबर तक की बात करें तो जुलाई से लेकर दिसंबर तक ही कुल 1262 बसें कम हाेने जा रही हैं।

    इस तरह से दिसंबर तक अगर कोई नई बसें नहीं आती हैं तो कुल 4600 बसें ही बचेंगी। परिवहन विशेषज्ञ एस के सिंह कहते हैं कि अगर दिसंबर तक दिल्ली सरकार के पास बसों की संंख्या 5000 से नीचे अाती है तो यह दिल्ली की जनता के लिए अच्छा नहीं होगा। वह सुझाव देते हैं कि बसाें की कमी को देखते हुए एग्रीगेटर स्कीम को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि जिससे अधिक सवारियों वाले रूटों पर अतिरिक्त निजी बसें चल सकें।

    एग्रीगेटर स्कीम के तहत निजी कंपनियों काे एप के माध्यम से बसें चलाने की अनुमति है। दिल्ली सरकार ने "दिल्ली मोटर वाहन लाइसेंसिंग आफ एग्रीगेटर्स (प्रीमियम बसें) योजना, 2023" अधिसूचित की है, जो इस विचार पर आधारित है कि निजी कंपनियां अपने एप के माध्यम से प्रीमियम बसें चलाएंगी।

    इन बसों को एप के माध्यम से बुक किया जा सकता है और टिकट भी ऑनलाइन ही उपलब्ध होते हैं। सिंह कहते हैं कि दूसरे राज्यों के लिए बसों को चलाने के मामले में सरकार को अभी फिलहाल बचना चाहिए। उनका तर्क है कि अगर दूसरे राज्यों के लिए जो बसें चलेंगी वे दिल्ली के खाते से ही कम होेंगी।

    comedy show banner
    comedy show banner