Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदना होगा और महंगा! सरकार की इस योजना से आएगा बड़ा बदलाव

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 07:00 AM (IST)

    दिल्ली सरकार सर्कल रेट में बदलाव करने की योजना बना रही है जिससे संपत्ति खरीदना महंगा हो सकता है। संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है जो बाजार के अनुसार रिपोर्ट तैयार करेगी। कृषि भूमि का सर्कल रेट 2008 से और कॉलोनियों का 2014 से नहीं बदला है। सरकार ने जनता से सुझाव मांगे हैं।

    Hero Image
    दिल्ली सरकार सर्कल रेट में बदलाव करने की योजना बना रही है, जिससे संपत्ति खरीदना महंगा हो सकता है।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में घर या जमीन खरीदना और महंगा हो सकता है। दिल्ली सरकार सर्कल रेट में संशोधन करने की योजना बना रही है। स्थानीय जमीन की कीमतों और सर्कल रेट में भारी अंतर का हवाला देते हुए सरकार ने संशोधन का निर्देश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस कार्य को पूरा करने के लिए संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। यह समिति बाज़ार की स्थितियों और संपत्ति की कीमतों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसका इस्तेमाल सर्कल रेट में संशोधन के लिए किया जाएगा। दिल्ली में कृषि भूमि के सर्कल रेट 2008 से और कॉलोनियों के सर्कल रेट 2014 से नहीं बढ़े हैं।

    सरकार का मानना ​​है कि दिल्ली भर में सर्कल रेट संरचना में विसंगतियां हैं, जिसके कारण पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। दिल्ली में कृषि भूमि के सर्कल रेट 15 साल पहले और कॉलोनियों के सर्कल रेट 11 साल पहले बढ़ाए गए थे। सरकार ने 2023 में मंजूरी के लिए उपराज्यपाल को एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिली।

    उस प्रस्ताव में कृषि भूमि के सर्कल रेट को 53 लाख रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ करने का प्रस्ताव था। राजस्व विभाग के अनुसार, संशोधन प्रक्रिया पर जनता, आरडब्ल्यूए, उद्योग, संपत्ति मालिकों और अन्य हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं। इच्छुक व्यक्ति 15 दिनों के भीतर अपने सुझाव suggestionondelhicirclerates@gmail.com ईमेल पते पर भेज सकते हैं।

    संशोधित सर्किल दरें लागू होने के बाद, दिल्ली में संपत्ति खरीदने और बेचने की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी हो जाएगी और संपत्ति पंजीकरण बाजार मूल्यांकन के आधार पर होगा। इससे राजस्व में वृद्धि होगी। वर्तमान में, दिल्ली में सर्किल दरें 2008 और 2014 की अधिसूचनाओं पर आधारित हैं।

    इनमें कृषि भूमि, नदी तट की भूमि और आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियों के लिए अलग-अलग न्यूनतम दरें निर्धारित की गई थीं। हालांकि, पिछले एक दशक में बाजार मूल्यों में हुए महत्वपूर्ण बदलावों के कारण, सरकार इन दरों में संशोधन करना आवश्यक समझती है। राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकार जनता के विचारों को गंभीरता से लेगी और कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी सुझावों पर विचार करेगी।

    राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राजधानी में सभी आठ श्रेणियों (ए से एच) की कृषि भूमि और कॉलोनियों सहित संपत्तियों के लिए सर्किल दरों में संशोधन के लिए एक मसौदा प्रस्ताव पर काम चल रहा है।

    उन्होंने आगे कहा कि जहाँ दूसरे राज्यों में सर्किल रेट हर दूसरे या तीसरे साल बढ़ते हैं, वहीं दिल्ली में ऐसा नहीं है; सर्किल रेट लंबे समय से नहीं बढ़े हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इससे पहले जून में सर्किल रेट संशोधन की घोषणा की थी।