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    Delhi Chunav: आखिर चुनाव के साथ होटलों और गेस्ट हाउस में क्यों बढ़ी कमरों की बढ़ी डिमांड, समझिए क्या है पूरा मामला

    Updated: Sun, 19 Jan 2025 04:01 PM (IST)

    ऐसा नहीं है कि दिल्ली में प्रचार गतिविधियों में ही दूसरे राज्यों से पदाधिकारी आ रहे हैं। बल्कि ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने दिल्ली घूमने की इस तरह बनाकर आए हैं कि दिल्ली घूमने के साथ चुनावी माहौल भी देख लेंगे। लालकिला पहुंचे पंजाब के अमरदीप ने बताया कि वह दिल्ली घूमने के साथ चुनावी माहौल देखने भी आए हैं। इसी तरह विदेशी मीडियाकर्मी भी चुनाव कवरेज करने आए हैं।

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    चुनाव के मददेनजर पहाड़गंज के कई होटलों के कमरे फुल हाे गये हैं l फोटो- जागरण आर्काइव

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। लोकतंत्र के उत्सव से दिल्ली के होटल व गेस्ट हाउस संचालक उत्साहित हैं, क्योंकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव की गतिविधियां शुरू होेने के साथ ही विभिन्न राज्यों से राजनीतिक पदाधिकारियों के राष्ट्रीय राजधानी आने का क्रम शुरू हो गया है।

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    भाजपा, कांग्रेस पार्टी व आप समेत अन्य दलों द्वारा उन्हें विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार प्रसार का जिम्मा दिया गया है। वह यहां स्थित राज्यों के भवनों व सांसदों के आवास के साथ ही होटलों व गेस्ट हाउस में रुके हुए हैं। उनके ठहरने की व्यवस्था पार्टी संगठन के स्तर पर की जा रही है या कुछ अपनी सुविधा के अनुसार, खुद से कमरे बुक कर रहे हैं।

    पहाड़गंज के होटलों में हैं 18 से 20 हजार कमरे 

    मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, मतदान की तिथि नजदीक आने तक दूसरे राज्यों से आने वाले राजनीतिक पदाधिकारियों की संख्या एक गुना और बढ़ सकती है। फिलवक्त, होटलों के हब पहाड़गंज में दो से तीन हजार कमरों में राजनीतिक पदाधिकारी आ चुके हैं। जिनका औसतन किराया एक हजार रुपये है।

    होटल महासंघ के अध्यक्ष व पहाड़गंज में होटल के संचालक अजय अग्रवाल के अनुसार, पहाड़गंज के होटलों में 18 से 20 हजार कमरे हैं, जिनमें से चुनावी गतिविधियों के चलते तीन हजार से अधिक कमरे भरे हुए हैं। अच्छी बात है कि यह बुकिंग लंबे समय के लिए है।

    उनके अनुसार, मौजूदा समय में होटलों के कमरों की बुकिंग 50 से 60 प्रतिशत है। ये 75 प्रतिशत से अधिक पहुंचती है तब कमरों के किराये में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी आ सकती है।

    राजनीतिक दलों के लिए अहम है दिल्ली चुनाव

    दिल्ली का चुनाव राजनीतिक दलों के लिए अहम है। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा जहां दिल्ली को जीतने के लिए पूरी ताकत झाेंक रखी है। वहीं, कांग्रेस पार्टी भी खोई जमीन वापसी के प्रयास में पूरा जोर लगा रही है। दोनों के बीच दिल्ली में सत्तारूढ़ आप अपने अभेद किले को सुरक्षित रखना चाहती है।

    इसलिए, दूसरे राज्यों से भी कार्यकर्ता बुलाए जा रहे हैं। इसमें यह समझना अहम है कि दिल्ली में देशभर के लोग रहते हैं। विभिन्न राज्यों से लोग रोजी रोटी की तलाश में दशकों से हैं और दिल्ली के मतदाता हैं। उन्हें अपने पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करने पंजाब, उप्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड के साथ ही दक्षिण के राज्यों से पार्टी पदाधिकारी आ रहे हैं।

    उप्र के सोनभद्र से अजित रावत पिछले एक माह से पीरागढ़ी में ठहरे हुए हैं। उन्हें मंगोलपुरी विधानभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार की जिम्मेदारी मिली है। वह मतदान तक यहीं रहेंगे। उनके अनुसार, उनके जैसे बहुत से कार्यकर्ता हैं, जो चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।