Delhi Election 2025: बीजेपी ने हार की हैट्रिक के बाद करोलबाग में खेला बड़ा दांव, तीन बार के AAP विधायक की बढ़ाई मुश्किल
Delhi Election 2025 में करोल बाग विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के रवि विशेष और भारतीय जनता पार्टी के दुष्यंत गौतम के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। इस सुरक्षित सीट पर सात बार हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आप को तीन-तीन बार और कांग्रेस को एक बार जीत मिली है। कांग्रेस से मुकाबले में बीजेपी को तीन-एक से जीत मिली है।

अजय राय, नई दिल्ली। Delhi Election 2025 : थोक बाजारों के लिए विख्यात करोलबाग विधानसभा क्षेत्र में तीन बार से थोक में वोट लेकर आम आदमी पार्टी (आप) का दबदबा बना हुआ है। इस तिलिस्म को तोड़ने के लिए भाजपा ने इस बार बड़ा दांव खेलते हुए अपने राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम को मैदान में उतार दिया है।
क्या कहते हैं सियासी समीकरण?
आप विधायक रवि विशेष के लिए जीत और भाजपा की हार की हैटट्रिक इस बार चौकड़ी में बदलेगी या नई शुरुआत होगी यह कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित होने के बाद अधिक स्पष्ट होगी, लेकिन अब तक के हुए चुनाव के नतीजे बताते हैं कि यहां आप और भाजपा के आमने सामने के जंग में बाजी झाड़ू के हाथ लगी है। चुनाव दर चुनाव वोट प्रतिशत के रसातल में जा रही कांग्रेस का मतदाता झाड़ू उठा चुका है।
इस सीट पर 11 साल से है AAP का कब्जा
मध्य दिल्ली स्थित करोलबाग क्षेत्र की पहचान कपड़ों और ज्वैलरी मार्केट से ज्यादा है। अनुसुचित जाति के लिए सुरक्षित इस विस सीट पर आप का 11 साल से कब्जा है। आंकड़ों के हिसाब से भाजपा और आप तीन-तीन बार यहां से जीत हासिल कर चुकी है, लेकिन जब तब भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से आमने-सामने का था तब चार में से तीन बार सुरेंद्र पाल रतवाल कमल खिलाने में कामयाब रहे।
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क्या था वर्ष 2013, 2015 और 2020 का परिणाम?
सिर्फ 1998 में कांग्रेस के मोतीलाल बकोलिया ने रतवाल को पराजित किया। वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी दिल्ली के चुनावी महासमर में उतरी और छा गई। करोलबाग से विशेष रवि ने रतवाल को कड़े संघर्ष में हराकर झाड़ू का दम दिखाया।
वर्ष 2015 और 2020 में आप से रवि विशेष ही मैदान में उतरे और दोनों बार भाजपा ने योगेंद्र चांदोलिया को सामने खड़ा किया। फायरब्रांड की पहचान रखने वाले चांदोलिया की एक नहीं चली और दोनों बार 30 हजार से अधिक मतों से पराजित हुए। हालांकि, बीते वर्ष लोकसभा चुनाव में चांदोलिया का भाग्य बदला और उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए।
करोलबाग (सुरक्षित सीट)
वर्ष | विजेता | पार्टी | कुल वोट | कुल मतदान | मतदान(% में) | मार्जिन | प्रतिशत |
1993 | एसपी रतवाल | भाजपा | 84529 | 52460 | 62.1 | 11389 | 21.7 |
1998 | मोतीलाल बकोलिया | कांग्रेस | 99,946 | 52,411 | 52.4 | 2,312 | 4.4 |
2003 | एसपी रतवाल | भाजपा | 85753 | 46562 | 54.3 | 859 | 1.8 |
2008 | एसपी रतवाल | भाजपा | 142097 | 84756 | 59.6-3 | 408 | 4.0 |
2013 | विशेष रवि | आप | 1,51,923 | 1,01,401 | 66.7 | 1,750 | 1.7 |
2015 | विशेष रवि | आप | 164715 | 1,12,751 | 68.5 | 32,880 | 29.2 |
2020 | विशेष रवि | आप | 1,73,937 | 1,08,014 | 62.1 | 31,760 | 29.4 |
क्यों गिर रहा कांग्रेस का वोट प्रतिशत?
लगातार तीन बार हार का सिलसिला रोकने के लिए इस बार भाजपा ने पूर्व राज्यसभा सदस्य व केंद्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम को इस राजनीतिक रणक्षेत्र में उतारा है, लेकिन साल दर साल कांग्रेस का वोट प्रतिशत तेजी गिरा है।
ऐसे में ठोक बजाकर प्रत्याशी घोषित करने में जुटी पार्टी के लिए अपनी स्थिति में सुधार के लिए मजबूत चेहरा उतारना होगा। इसी पर तय होगा कि इस बार भी मुकाबला आप-भाजपा में होगा या कांग्रेस इसे त्रिकोणीय बनाएगी।
क्या हैं करोलबाग के मुद्दे?
इसी क्षेत्र से पार्षद हैं दिल्ली के महापौर रिहायश और थोक बाजार वाले करोलबाग क्षेत्र में नगर निगम के तीन वार्ड पहाड़गंज, करोलबाग, देव नगर है, जिसमें दो आप और एक भाजपा का पार्षद है।
पहाड़गंज से भाजपा के मनीष चड्ढा, करोलबाग से आप की उर्मिला महेन्द्र गौतम और देव नगर से आप पार्षद महेश खींची हैं। खींची हालही में दिल्ली के महापौर चुने गए हैं। यहां सफाई, पार्किंग, जलभराव बड़ा मुद्दा है।
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