संवैधानिक संकट में AAP सरकार! मुख्य सचिव के साथ हाथापाई से क्षुब्ध IAS अफसर हड़ताल पर
चीफ सेक्रेटरी ने AAP विधायकों पर थप्पड़ मारने और अपशब्द का प्रयोग करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार अब एक नए विवाद में फंस गई है। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आम आदमी पार्टी के दो विधायकों पर हाथापाई और बदसलूकी का आरोप लगाया है। अंशु प्रकाश का कहना है कि सोमवार शाम को केजरीवाल के सामने आप विधायकों ने थप्पड़ मारा और अपशब्द कहा। इस मामले में आइएएस एसोसिएशन के हड़ताल पर जाने से दिल्ली में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
हालांकि, मुख्यमंत्री केजरीवाल के ऑफिस ने ऐसी किसी भी घटना से साफ इनकार किया है। उधर, घटना पर विरोध जताते हुए दिल्ली में आइएएस असोसिएशन ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। एसोसिएशन ने इस मामले में विधायकों की गिरफ्तारी की मांग की है। आइएएस एसोसिएशन ने कहा है कि जब तक विधायक माफी नहीं मांगेंगे तब तक वे काम नहीं करेंगे।
इस बीच दिल्ली प्रशासनिक अधीनस्थ सेवा (DASS) संघ ने भी हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया। संघ के अध्यक्ष डीएन सिंह ने पूरी घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हम मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ तत्काल प्रभाव से हड़ताल पर जा रहे हैं। डीएन सिंह ने यह भी कहा कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
डीएन सिंह का यह भी कहना है कि हमने उपराज्यपाल से गुजारिश की है कि पूरे मामले को लेकर उन लोगों को कड़ी कार्रवाई की जाए, जो दोषी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटना इससे पहले कभी नहीं हुई।
उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आप विधायक प्रकाश जरवाल और अजय दत्त के साथ बदसलूकी की, लेकिन विधायकों की तरफ से कोई बदसलूकी नहीं की गई थी। कहा जा रहा है कि आप विधायकों ने भी इस मुद्दे को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज की है।
मंगलवार सुबह इस घटना पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के कार्यालय में आइएएस अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक के बाद काफी आइएएस उप राज्यपाल अनिल बैजल से मिलने उनके घर पहुंचे।
AAP का आरोप- मुख्य सचिव ने नहीं दिए सवालों के जवाब
वहीं, एक बयान जारी कर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि दिल्ली के 2.5 लाख परिवारों का आधार राशन कार्ड से नहीं जुड़े होने के कारण उन्हें राशन नहीं मिल पाया है। इसके कारण उन क्षेत्र के विधायकों पर लोगों का काफी दबाव है। इसी पर मुख्यमंत्री के घर पर विधायकों की बैठक थी।
AAP विधायक ने आरोपों को बताया निराधार
उधर, पार्टी के विधायक अमानतुल्ला भी थप्पड़ मारने के आरोप को निराधार और गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्य सचिव झूठ बोल रहे हैं। जबकि मुख्य सचिव ने इस मामले में पुलिस केस दर्ज करवाने की तैयारी कर ली है। खबर यह भी है इसी संबंध में मंजूरी और राय-मशविरा करने के लिए मुख्य सचिव उपराज्यपाल के यहां पर पहुंचे हैं। इस घटना के बाद भाजपा ने केजरीवाल सरकार को अराजक करार देने के बाद राजधानी में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए।
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मामले को तूल पकड़ता देख पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि थप्पड़ मारने के आरोप निराधार और पूरी तरह गलत हैं। उनका कहना है कि मुख्य सचिव सरासर झूठ बोल रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि साबित करें कि मैंने मुख्य सचिव के साथ मारपीट की है।
इतना ही नहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने तो यहां तक कहा है कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश भारतीय जनता पार्टी के इशारों पर काम कर रहे हैं। AAP ने अंशु प्रकाश के आरोपों पर कहा है कि मुख्य सचिव का कहना है कि वे दिल्ली के सीएम और दिल्ली के विधायकों को जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी जवाबदेही सिर्फ उपराज्यपाल के प्रति है। उन्होंने AAP विधायकों के प्रति आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है।
पूरे मुद्दे पर मंगलवार दोपहर पत्रकार वार्ता कर कांग्रेस नेता अजय माकन ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सीएम को इस मुद्दे के लिए माफी मांगनी चाहिए। AA सरकार काम करने में नाकाम है लेकिन सीएम के सामने विधायकों द्वारा अधिकारियों को पीटा जाना कानून को अपने हाथ में लेना जैसा है।
मनोज तिवारी ने बोला केजरीवाल पर हमला
दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस मुद्दे को लेकर अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया- 'अरविंद केजरीवाल और उनके गुंडे विधायकों ने चीफ सेकेट्ररी के साथ बदसलूकी की है. आम आदमी पार्टी के द्वारा एक और शर्मनाक कारनामा किया गया है। दिल्ली सीएम को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।'
पूरे मसले भाजपा हुई आक्रामक
इस घटना के बाद दिल्ली प्रदेश भाजपा ईकाई आक्रामक हो गई है। भाजपा इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार को अराजक करार देने के बाद राजधानी में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है।