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    Delhi: आजादपुर फल-सब्जी मंडी में बदल रहा व्यापार का ट्रेंड, बढ़ रहा है आयातित फलों का कारोबार

    By Jagran NewsEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Sun, 30 Jul 2023 07:34 AM (IST)

    आजादपुर फल-सब्जी मंडी के व्यापार के ट्रेंड में बदलाव आ रहा है। घरेलू फल बाजार में विदेशी फल अपनी जगह लगातार मजबूत कर रहे हैं। पिछले दो-तीन साल के भीतर ...और पढ़ें

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    Delhi: आजादपुर फल-सब्जी मंडी में बदल रहा व्यापार का ट्रेंड, बढ़ रहा है आयातित फलों का कारोबार।

    नई दिल्ली, धर्मेंद्र यादव। हालिया वर्षों में आजादपुर फल-सब्जी मंडी के व्यापार के ट्रेंड में बदलाव आ रहा है। घरेलू फल बाजार में विदेशी फल अपनी जगह लगातार मजबूत कर रहे हैं। पिछले दो-तीन साल के भीतर विदेश से फलों का आयात बढ़ा है, बल्कि आयातित फलों के कारोबारियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। विदेशों से सबसे ज्यादा सेब, किवी, अंगूर, संतरा मंगाया जा रहा है। जब भी देसी फलों के उत्पादन में कमी होती है, तब विदेशी फलों का आयात भी बढ़ जाता है।

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    दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के प्रदेशों के लोगों का विदेशी फलों के प्रति बढ़ता रूझान कहें या फिर अपने यहां फल उत्पादन में कमी। कारण जो भी है, फिलहाल आजादपुर मंडी में विदेशी फल की आवक बढ़ती जा रही है। तीन साल पहले विदेशी फलों के थोक व्यापारियों की संख्या 20 से 25 थी, आज यह संख्या 50 का आंकड़ा छूने को है।

    आयातित फलों की सूची में सबसे ऊपर सेब है। सेब के बाद किवी, अंगूर, संतरा, बबूगोसा आदि फलों की घरेलू बाजार में खूब मांग है। आजादपुर मंडी के आयातित फलों के बड़े थोक व्यापारियों में से एक, अमित गिड़वानी का मानना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि आजादपुर मंडी में विदेश फलों की मांग बढ़ी है। इटली,पोलेंड, ट्रर्की, चिली, मिस्र, ग्रीस, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों से फलों का आयात बढ़ा है।

    साथ ही वे यह भी कहते हैं कि जिस अनुपात में आयातित फल व्यापारी बढ़े हैं, उस अनुपात में आयात नहीं बढ़ा। लेकिन, पिछले तीन साल से 10 से लेकर 15 प्रतिशत की रफ्तार से हर साल आयात बढ़ रहा है। आयातित फलों के कंटेनर बंदरगाह पर आते हैं।

    दिल्ली एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के सदस्य महेंद्र सन्पाल ने बताया कि मार्केटिंग बोर्ड आयातित फलों की मात्रा का कोई अलग से डाटा नहीं रखता है। फिर भी यह कहा जा सकता है कि आजादपुर मंडी में विदेशी फलों की आवक सीजन दर सीजन बढ़ती जा रही है।

    अनुमानित 15 प्रतिशत आयात हर साल बढ़ रहा है। मंडी के फल व्यापारियों का मानना है कि आयात बढ़ने के बावजूद देसी फलों की घरेलू बाजार में मांग में कोई कमी नहीं है। किसी फल की पैदावार कम हो तो फिर विदेशी फल मंगवाना मजबूरी हो जाता है।

    मौसम खराब होने की वजह से इस बार हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में सेब की फसल कोई ज्यादा अच्छी स्थिति में नहीं है, इसलिए मांग पूर्ति के लिए विदेशी सेब मंगवाना थोक व्यापारियों की मजबूरी हो जाएगा।

    इन देशों से सेब होता है आयात

    आजादपुर मंडी में इटली, टर्की, पोलेंड, चिली, ब्राजील आदि देशों से सेब, न्यूजीलैंड, ग्रीस व चिली से किवी, मिस्र व दक्षिण अफ्रीका से बबूगोसा और नाशपती, चीन, मिस्र, आस्ट्रेलिया से अंगूर, वियतनाम से ड्रैगन फ्रूट, ईरान व दक्षिण अफ्रीका से आलू बुखारा, मिस्र से संतरा का आयात होता है। जेएसटी फर्म के संचालक जयदेव सन्पाल ने बताया कि इटली के सेब की घरेलू बाजार में मांग ज्यादा है।