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    दिल्ली वालों के सामने आया बड़ा संकट, आखिर कैसे गुजरेंगे ये दिन? लोगों ने बयां किया दर्द

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 10:09 AM (IST)

    दिल्ली में 533 क्लस्टर बसें बंद होने से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है। यात्रियों को घंटों बसों का इंतजार करना पड़ा और ऑटो-रिक्शा में अधिक किराया देना पड़ा। शाहदरा वजीराबाद रोड जैसे मार्गों पर बसों की कमी रही। उत्तम नगर-सराय काले खां रूट पर बस 511 के बंद होने से भी यात्रियों को परेशानी हुई। महिलाओं को भी मुफ्त यात्रा की सुविधा नहीं मिल पाई।

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    दिल्ली में यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। जागरण

    शुजाउद्दीन, नई दिल्ली। राजधानी में 533 क्लस्टर बसें सड़कों से हट गई हैं। ऐसे में बसों की कमी का सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर एक ही दिन में असर देखने को मिला। बस हटने के अगले ही दिन यात्रियों को बसों के इंतजार में घंटों पसीने बहाने पड़े।

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    बताया गया कि बस देर से मिलने के कारण लोगों को ई-रिक्शा व ऑटो में दोगुना किराया देना पड़ा। यात्रियों में नाराजगी भी देखने को मिली।

    शाहदरा जीटी रोड, वजीराबाद रोड, आनंद विहार के रूट पर बसों की भारी कमी देखने को मिली। इसके साथ राजघाट पावर हाउस, कश्मीरी गेट आइएसबीटी, लाल किला, नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, पंजाबी बाग टर्मिनल, केंद्रीय टर्मिनल, रकाबगंज और उत्तम नगर सहित कई प्रमुख स्थानों पर बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ नजर आई।

    एक से डेढ़ घंटे तक यात्री बसों के इंतजार में स्टैंड पर खड़े रहे। धूप के साथ ही बस के इंतजार ने उन्हें काफी परेशान किया। मजबूरी में लोगों को आटो, ई-रिक्शा और टैक्सी जैसे महंगे विकल्पों का सहारा लेना पड़ा। इससे न सिर्फ यात्रियों की जेब पर असर पड़ा, बल्कि समय की भी भारी बर्बादी हुई। सीलमपुर से सीमापुरी पांच रुपये में जाने वाले यात्री बस न मिलने से शेयरिंग टैक्सी में 15 व 20 रुपये देकर गए।

    उत्तम नगर बस टर्मिनल से चलने वाली क्लस्टर बस संख्या 511 के बंद होने से भी यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह बस उत्तम नगर से सराय काले खां तक चलती थी।

    यात्रियों ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस रूट पर बस सेवा बंद होने की जानकारी मिली, वे काफी निराश हो गए। हालांकि, टर्मिनल से करीब 100 मीटर दूर तिलक नगर से चलने वाली बसों का विकल्प मौजूद था, लेकिन इनमें पहले से भीड़ होने के कारण खड़े होकर सफर करना पड़ा।

    महिलाओं को सरकारी योजना के तहत बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है, उन्हें भी मजबूरी में पैसे खर्च कर टैक्सी या अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ा।

    राजघाट पर टैक्सी में बैठी कुछ महिलाओं ने बताया कि वे सीमापुरी जाना चाहती थीं और आधे घंटे से बस का इंतजार कर रही थीं, लेकिन बस न आने पर टैक्सी करनी पड़ी। यात्रियों का कहना है कि बसों के कम होने से उन्हें गंतव्य तक पहुंचने में दोगुना समय लग रहा है।

    धर्मपुरा बस स्टैंड पर खड़ा हूं। एक घंटे से रूट नंबर 318 की बस आई नहीं है। मैं नोएडा में नौकरी करता हूं। पहले 10 से 20 मिनट में बस मिल जाती थी। - अकबर

    मैं काफी देर से राजघाट पावर हाउस पर बस के इंतजार में बैठा हूं। अभी तक बस का अता पता नहीं है। ऐसे में लगता है कि आटो का सहारा लेना पड़ेगा। - अभिराज, यात्री

    मुझे पटेल नगर से सीमापुरी जाना है। मैं सीलमपुर बस स्टैंड पर उतर गई। यहां रूट नंबर 214 का इंतज़ार कर रही हूं। 30 मिनट से बस नही है। - रोजी

    मैं रोजाना सीलमपुर से बस से आनंद विहार जाता हूं दस रुपये का किराया देकर। 16 जुलाई से डीटीसी ने 500 बसे सड़कों से हटा दी। बसे हटने से बहुत परेशानी हुई। पहले ही दिन जीएल-23 नंबर की बस मिली नहीं। आटो से अधिक किराया देकर गया। -विजय, यात्री