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    दिल्ली के दिव्यांग अपूर्व ओम ने अमेरिका में बजाया भारत का डंका

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    Updated: Wed, 10 Apr 2019 09:26 AM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली के बेरसराय में रहने वाले अपूर्व ओम को संयुक्त राष्ट्र के इकोनॉमिक व सोशल काउंसिल (इकोसोक) के अध्यक्ष इंगा रोहंदा किंग ने यूथ कॉन्फ्रेंस 2019 में आमंत्रित किया।

    दिल्ली के दिव्यांग अपूर्व ओम ने अमेरिका में बजाया भारत का डंका

    नई दिल्ली, जेएनएन। दक्षिणी दिल्ली के बेरसराय में रहने वाले दिव्यांग अपूर्व ओम ने संयुक्त राष्ट्र की इकोनॉमिक व सोशल काउंसिल (इकोसॉक) की ओर से अमेरिका के न्यूयार्क में आयोजित यूथ कॉन्फ्रेंस 2019 में अपनी प्रतिभा का शानदार परिचय दिया। उन्होंने इशारों में अपनी बात रखी। रद्दी कागजों के फिर से उपयोग को लेकर उन्होंने अपने विचार व सुझाव मोबाइल फोन में टाइप किए, जिन्हें उनकी मां ने पढ़कर सुनाया। वहां मौजूद लोगों ने उनके विचारों की काफी सराहना की।

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    अपूर्व दिल्ली के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर से स्नातक कर रहे हैं। उन्होंने चाणक्यपुरी स्थित नेवी चिल्ड्रेन स्कूल से विज्ञान से 12वीं की है। अपूर्व के पिता चंद्र सीमा ने बताया कि वह न तो बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं।

    अपूर्व की आंखों की रोशनी भी कम है। इसके बावजूद वह बेहतरीन स्केच आर्टिस्ट हैं। उनकी बनाई गई कलाकृतियां संयुक्त राष्ट्र के जेनेवा दफ्तर में भी प्रदर्शित की गई हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से आठ व नौ अप्रैल को यूथ कॉन्फ्रेंस हुई थी।

    अपूर्व को इकोसॉक के अध्यक्ष इंगा रोहंदा किंग ने आमंत्रित किया था। चंद्र सीमा का दावा है कि इस कॉन्फ्रेंस में विश्व में पहली बार किसी दिव्यांग छात्र को अपनी बात रखने के लिए बुलाया गया। अपूर्व ओम इस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वाले पहले दिव्यांग हैं।

    अपूर्व ने रखे ये विचार
    यूथ कॉन्फ्रेंस में अपूर्व ओम ने रद्दी कागजों के फिर से उपयोग करने को लेकर अपने विचार रखे। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए कानून बनना चाहिए। रद्दी कागजों को रिसाइकल करना बेहद जरूरी है। इसके उपयोग से पर्यावरण संरक्षण में मजबूती मिलेगी। इससे कुछ हद तक बेरोजगारी भी दूर की जा सकती है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी फोरम फॉर प्रोटेक्शन ऑफ क्लाइमेट हाई लेवल कांफ्रेंस में भी यह मुद्दा रखने की सलाह दी।