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    'मोबाइल के दौर में किताबें पढ़ने का अपना ही चाव...', दिल्ली पुस्तक मेले में बोलीं दिल्ली CM रेखा गुप्ता

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 12:18 PM (IST)

    दिल्ली पुस्तक मेले में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि मोबाइल के दौर में भी किताबें पढ़ने का अपना ही मज़ा है। उन्होंने कहा कि ई-गैजेट्स किताबों का विकल्प नहीं हो सकते। भारत मंडपम में 29वें दिल्ली पुस्तक मेला का उद्घाटन करते हुए उन्होंने देशभर के लेखकों और साहित्यकारों को याद किया।

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    भारत मंडपम में पांच दिवसीय साहित्यिक कुंभ का मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उदघाटन किया। फोटो सौजन्य- जागरण

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि मोबाइल के इस दौर में भी किताबें पढ़ने का अपना ही चाव है। किताबों का विकल्प ई-गैजेट्स कभी नहीं हो सकते। पूर्व में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष भी रह चुकीं रेखा ने कहा कि प्रेमचंद सहित देशभर के नामी लेखक-साहित्यकारों को वह छात्र जीवन से पढ़ती आई हैं।

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    मुख्यमंत्री भारत मंडपम में 29वें दिल्ली पुस्तक मेला का उदघाटन करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रही थीं। कुछ देर उन्होंने स्टालों का भ्रमण भी किया। इस अवसर पर दिल्ली के कला संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा भी उपस्थित रहे। 29वां दिल्ली पुस्तक मेला भाषायी एकता के साथ साथ देशभक्ति का भी संदेश देगा।

    स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर मेले में हर घर तिरंगा... का एक सेल्फी पाइंट भी लगाया गया है। मेला दर्शक यहां तिरंगा हाथ में लेकर अपनी फोटो खिंचवा सकते हैं। मेले में पहली बार प्रकाशकों के साथ साथ दिल्ली सरकार की विभिन्न अकादमियां भी हिस्सा ले रही हैं।

    भारत मंडपम के हाल नं. 12 और 12 ए लगने जा रहे इस मेले में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा 15 लेखक साहित्यकारों को सम्मानित करेंगे। रविवार को मेले के समापन समारोह में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद मुख्यातिथि होंगे।

    मेले की थीम 'पुस्तकें और प्रकाशन

    बहुभाषिये भारत का भविष्य' होगी। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) और भारतीय प्रकाशक संघ (एफआइपी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित होने वाले इस मेले में प्रवेश सभी के लिए नि:शुल्क रहेगा। मेले में 100 से अधिक प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं।

    एफआइपी पदाधिकारियों के मुताबिक कमोबेश हर साल ही पाठकों और दर्शकों की शिकायत रहती है कि मेले में प्रकाशक कम जबकि पुस्तक विक्रेता ज्यादा रहते हैं।

    ऐसे में इस बार व्यवस्था बनाई गई है कि हाल नं. 12 सिर्फ प्रकाशकों के लिए आरक्षित है जबकि हाल नं. 12 ए में अन्य सभी भागीदारों के स्टाल हैं। मेले में पुस्तकों के लोकार्पण, संगोष्ठी, व्याख्यान एवं स्कूली विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।

    क्या है एंट्री फीस?

    स्कूल एवं कॉलेज के विद्यार्थियों की मेले में अधिकाधिक शिरकत सुनिश्चित करने के लिए स्कूल-कॉलेजों को पत्र भी भेजे गए हैं। एफआइपी के अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने बताया, हमारी कोशिश है कि पिछली शिकायतें दूर करते हुए इस साल इसे कहीं बेहतर रूप में आयोजित किया जाए। नि:शुल्क प्रवेश के साथ मेले में और भी कई आकर्षण रहेंगे। भाषायी विविधता की एकता मेले का खास संदेश रहेगा।