Delhi Pollution: क्या दिल्ली में बंद होंगे स्कूल? राजधानी में पहली बार गंभीर श्रेणी में पहुंचा AQI
Delhi Pollution Update दिल्ली में प्रदूषण लगातार बना हुआ है। बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी देश में सबसे प्रदूषित रही। वहीं प्रदूषण के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। चिकित्सक लोगों को बिना काम के बाहर न जाने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही भाजपा ने दिल्ली सरकार से स्कूल बंद करने की मांग की है ताकि छोटे बच्चों पर प्रदूषण का असर न पड़े।

पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा बनी हुई है। बुधवार को पहली बार औसत एक्यूआई गंभीर श्रेणी में पहुंच गया, जो 418 था। वहीं, जहांगीरपुरी में एक्यूआई दिन में 999 तक पहुंच गया था। इसको लेकर बच्चों से लेकर बुजुर्गों पर स्वास्थ्य का खतरा मंडरा रहा है। लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत का तक सामना करना पड़ रहा है।
वहीं, भाजपा ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए कक्षा पांच तक के सभी स्कूलों को बंद करने की मांग की है। भाजपा ने प्रदूषण के लिए AAP सरकार पर निशाना भी साधा है। पार्टी का कहना है कि दिल्ली सरकार ने राजधानी को गैस का चैंबर बना दिया है।
दिल्ली सरकार पूरी तरह विफल
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली में आप सरकार को बच्चों को खतरनाक वायु गुणवत्ता से बचाने के लिए कक्षा पांच तक के सभी निजी और सरकारी स्कूल बंद कर देने चाहिए। दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने में "पूरी तरह विफल" रही है।
इस सीजन में पहली बार 'गंभीर' श्रेणी में पहुंची हवा
दिल्ली में बुधवार (13 नवंबर) को सर्दियों के इस सीजन में पहली बार वायु गुणवत्ता ''गंभीर'' श्रेणी में पहुंच गई। एक्यूआई 418 के पार चला गया। दिन भर स्माग छाया गया। एनसीआर के शहरों में भी एक्यूआई के स्तर में इजाफा देखा गया। आलम यह रहा कि देश भर में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दिल्ली की ही रही। हालांकि एक दो दिन में ही इसके वापस ''बहुत खराब'' श्रेणी में पहुंच जाने के आसार हैं।
बिहार का हाजीपुर दूसरे नंबर पर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को दिल्ली का एक्यूआई 418 दर्ज हुआ। यह देश में सबसे ज्यादा था। बिहार का हाजीपुर दूसरे स्थान पर था, जहां का एक्यूआई 417 रिकॉर्ड किया गया।
वाहनों के धुएं की ज्यादा हिस्सेदारी
आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहन उत्सर्जन का योगदान सबसे अधिक था, जिसकी अनुमानित हिस्सेदारी लगभग 13.3 प्रतिशत थी। अन्य प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 और पीएम 10 थे।
अभी नहीं लगेगा ग्रेप-3
वायु गुणवत्ता की स्थिति को देखते हुए शाम के समय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप, GRAP) उप समिति ने आपात बैठक की। इसमें सामने आया कि वायु गुणवत्ता के ''गंभीर'' श्रेणी में पहुंचने की मुख्य वजह घना कोहरा एवं मंद हवाएं हैं। बृहस्पतिवार के बाद हवा की गति बढ़ने से इस स्थिति में सुधार होने लगेगा। इसलिए तत्काल प्रभाव से ग्रेप तीन की पाबंदियां लगाने से परहेज किया गया
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