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    बायोडायवर्सिटी पार्को में वैज्ञानिक तरीके से होगी पक्षियों की गणना, तारीख जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

    By Pradeep ChauhanEdited By:
    Updated: Fri, 18 Feb 2022 04:15 PM (IST)

    राजधानी के सभी बायोडायवर्सिटी पार्को में पक्षियों की गणना होने वाली है। यह गणना पूरी तरह से वैज्ञानिक होगी जिसमें केवल पक्षियों की संख्या ही नहीं बल्क ...और पढ़ें

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    लंबे समय तक बनाए गए ऐसे आंकड़े से पर्यावरण को समझने में आसानी होगी।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। यह पहली बार है जब राजधानी के सभी बायोडायवर्सिटी पार्को में पक्षियों की गणना होने वाली है। यह गणना पूरी तरह से वैज्ञानिक होगी, जिसमें केवल पक्षियों की संख्या ही नहीं बल्कि उनकी विशेषताओं और आदतों को भी समझा जाएगा। इसमें यह भी देखा जाएगा कितने बच्चे, युवा और व्यस्क पक्षी हैं। दिल्ली के सभी सात बायोडायवर्सिटी पार्को में की जाने वाली यह गणना 23 से 26 फरवरी तक की जाएगी।

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    बायोडायवर्सिटी पार्को के वैज्ञानिक प्रभारी डा. फैयाज खुदसर ने बताया कि प्रत्येक वर्ष सभी प्रजातियों के पक्षियों की संख्या में परिवर्तन का आकलन करने के लिए जैव विविधता पार्को में पक्षी गणना को एक वार्षिक कार्यक्रम बनाने की योजना है। उन्होंने कहा, यह पहली बार है कि दिल्ली के जैव विविधता पार्को में पक्षियों की गणना होगी, जिसमें विशेषज्ञ सुबह 7.30 बजे से 9.30 बजे तक बाहर निकलेंगे और वहां पाई जाने वाली सभी पक्षी प्रजातियों को रिकार्ड करेंगे।

    इसी प्रकार शाम को दो घंटे का वक्त दिया जाएगा। यह एक वार्षिक कार्यक्रम बन जाएगा और हर साल लगभग एक ही समय में आयोजित किया जाएगा, जिससे प्रत्येक जैव विविधता पार्क में पक्षियों की संख्या में बदलाव का विश्लेषण किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि जिस तरह तितलियों की गणना की गई थी, उसी प्रकार आने वाले समय में बड़े जानवरों की भी गणना की जाएगी।

    डा. फैयाज ने कहा कि यदि दिल्ली की आबोहवा को जानना है तो पर्यावरण में होने वाले परिवर्तन को जानना होगा। यहां के जलवायु परिवर्तन को समझना के लिए यह बायोडायवर्सिटी पार्क एक तरह से लिविंग लैबोरेटरी की तरह काम करते हैं। उन्होंने बताया, वैज्ञानिक तरीके से गणना अलग तरह से होती है। इसमें एक लाइन तय की जाती है, उस लाइन से होते हुए समीक्षक पक्षियों को देखते हैं। उसकी आयु को समझने का प्रयास करते हैं और उनकी आदतों को समझते हैं। उदाहरण के तौर पर वह पेड़ की चोटी, टहनी पर बैठा है, जमीन पर है या पानी में बैठा है, वह किस तरह के पारिस्थितिकी तंत्र में रहता है। इस तरह से आंकड़ों को इकट्ठा किया जाएगा। लंबे समय तक बनाए गए ऐसे आंकड़े से पर्यावरण को समझने में आसानी होगी।

    डा. फैयाज ने बताया कि बायोडायवर्सिटी पार्क की इस गणना में उनकी संख्या ही नहीं, बल्कि उसके पर्यावास को भी जानेंगे। उदाहरण के तौर पर अगर एक पक्षी चार अंडे दे रहा है और फरवरी में घोंसला बना रहा है। अगली बार की गणना में वह घोंसला बनाता नजर नहीं आता है तो उसके कारणों को समझने का प्रयास करेंगे। फरवरी में यह गिनती इसलिए की जाती है, क्योंकि इस मौसम में विदेशों से आए पक्षियों को भी शामिल कर पाते हैं।

    जीबीबीसी आज से शुरू करेगी गणना : ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (जीबीबीसी) द्वारा 18-21 फरवरी को पक्षियों की गिनती होगी। इसके तहत दुनिया भर के पक्षी देखने वाले हर साल फरवरी में चार दिनों के लिए पक्षियों की प्रजातियों की तलाश करते हैं। यह आयोजन दुनिया भर के शहरों में पक्षी विविधता का अध्ययन करने के लिए आयोजित किया जाता है। पिछले वर्ष भारत के 2,900 से अधिक पक्षियों की गणना हुई थी जिसमें कुल 965 प्रजातियों के पक्षी शामिल हुए थे। इनमें दिल्ली के 73 स्थानों पर 140 प्रजातियां शामिल थीं।

    दिल्ली में सात बायोडायवर्सिटी पार्क हैं: यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क, अरावली पार्क, नीला हौज बायोडायवर्सिटी पार्क, तिलपथ घाटी बायोडायवर्सिटी पार्क, कमला नेहरू रिज बायोडायवर्सिटी पार्क, तुगलकाबाद बायोडायवर्सिटी पार्क और कालिंदी बायोडायवर्सिटी पार्क।

    बीबीडी 20 फरवरी को शुरू करेगी गिनती: डेल्ही बिग बर्ड डे (बीबीडी) संस्था की ओर से 20 फरवरी को गणना की जाएगी। यह कई वर्षों से होता आ रहा है। इसमें जैव विविधता पार्कों सहित दिल्ली के आद्र्र भूमि और पक्षी हाट स्पाट में मौजूद प्रजातियों को रिकार्ड किया जाता है। पिछले साल बीबीडी ने 21 फरवरी को हुई गणना में दिल्ली एनसीआर में 244 विभिन्न प्रजातियों को दर्ज किया था। 2020 में 12 जनवरी को 253 विभिन्न प्रजातियों को दर्ज किया गया था।