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    Delhi Assembly Session: काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंचे BJP विधायक, CM केजरीवाल से की इस्तीफे की मांग

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Tue, 17 Jan 2023 12:11 PM (IST)

    Delhi Assembly winter Session भाजपा सदस्य अजय महावर ने बसों की खरीद आबकारी नीति और दिल्ली जल बोर्ड की कार्यप्रणाली में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की बेईमान सरकार मनीष सिसोदिया का बचाव कर रही है जो घोर भ्रष्टाचार के आरोपी हैं।

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    Delhi Assembly Session: काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंचे BJP विधायक

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार व एलजी के बीच विभिन्न मुद्दों पर तकरार जारी है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की भी शुरुआत हंगामेदार हुई। करप्शन को लेकर विधानसभा में प्रतीकात्मक विरोध के लिए विपक्ष के सदस्य यानी भाजपा विधायक काली पगड़ी और जैकेट पहनकर पहुंचे। भाजपा विधायकों ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी सरकार के कथित भ्रष्टाचार और घोटालों के विरोध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की। 

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    भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा, "हम दिल्ली की भ्रष्ट सरकार के खिलाफ हैं। क्लासरूम बनाने में, बसों में और शराब नीति में घोटाला, कुल मिलाकर यह सरकार केवल भ्रष्टाचार कर रही है और मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। हम मांग करते हैं कि उन्हें हटा दिया जाए। हम काले कपड़े पहन रहे हैं। इस भ्रष्ट सरकार के खिलाफ हमारे विरोध को चिह्नित करें।"

    शिक्षकों को फिनलैंड नहीं जाने दे रहे एलजी- AAP

    वहीं, आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने कहा, "शिक्षा पर चर्चा शुरू होते ही भाजपा विधायक हंगामा करने लगे। बहुत शर्म की बात है कि एलजी साहब शिक्षकों को फिनलैंड नहीं जाने नहीं दे रहे। 2015 से पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल था। 2015 के बाद यहां शिक्षा में क्रांति आई। हमारा 25 प्रतिशत बजट शिक्षा के लिए है। शिक्षकों की ट्रेनिंग पर भी खूब पैसा खर्च कर रहे हैं। लेकिन एलजी महोदय आज इस सबको रोक रहे हैं।"

    उन्होंने आगे कहा कि इससे 18 लाख बच्चे प्रभावित होंगे। आप और केजरीवाल से नफरत करते करते वे बच्चों से भी नफरत करने लगे। हैरानी की बात यह कि एलजी को ऐसा करने का अधिकार ही नहीं। फिर भी वह असंवैधानिक तरीके से सब कुछ किए जा रहे हैं। वो भाजपा के प्रवक्ता नहीं हैं। उन्हें जनता माफ नहीं करेगी।

    AAP विधायक ने मकान तोड़ने के नोटिस का किया विरोध

    विधानसभा सदन में चर्चा के दौरान तुगलकाबाद से आप विधायक सही राम ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा तुगलकाबाद में गांव के लोगों को मकान तोड़ने के दिए गए नोटिस का विरोध किया। उन्होंने कहा कि 20 हजार मतदाता हैं, लोग नोटिस से परेशान हैं। उन्होंने बताया कि मकान मालिकों को 15 दिन का समय दिया गया है।

    उन्होंने आरोप लगाया कि दक्षिणी दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी और उनके परिवार के लोगों ने इस जमीन पर प्लाट काट कर लोगों को बसाया था। रमेश बिधूड़ी तीन बार विधायक रहे उन्होंने और उन्ही के परिवार के लोगों ने 90 फीसद लोगों को यहां पैसे लेकर बसाया है। गरीब लोगों ने अपना पेट काटकर प्लाट लिए और मकान बनाए, अब भाजपा की केंद्र सरकार ही उन्हें उजाड़ने जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच कर पुलिस और नगर निगम के उन अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए जिनके समझ प्लाट काट गए और उन लोगों से पैसा वसूल कर गरीब लोगों को दिया जाना चाहिए, जिन्होंने प्लाट काटे थे।

    सदन से लेकर सड़क तक हंगामा

    इससे पहले सोमवार को इन्हीं मसलों को लेकर सदन से लेकर सड़क तक हंगामा हुआ। सोमवार को शुरू विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को एलजी द्वारा अटका देने का आरोप लगाते हुए आप विधायकों ने नारेबाजी की थी।

    वहीं, वायु प्रदूषण पर सरकार की कथित निष्क्रियता के विरोध में विपक्षी भाजपा विधायक भी आक्सीजन सिलेंडर लेकर सदन पहुंच गए। इसी गहमागहमी और हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार सड़क पर उतर गई।

    सभी मंत्रियों व आप विधायकों ने विस से एलजी हाउस तक पैदल मार्च किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि दिल्ली की जनता तानाशाही सहन नहीं करेगी। एलजी को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने ही पड़ेंगे। सरकार अपने पैसे से शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेज रही है तो एलजी उन्हें रोकने वाले कौन होते हैं?

    ‘शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया’

    राजनिवास ने सोमवार को फिर कहा कि उपराज्यपाल ने फिनलैंड में प्राथमिक शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया है। इसके विपरीत कोई भी बयान जानबूझकर दिया गया, भ्रामक और शरारत से प्रेरित है।

    सरकार को सलाह दी गई है कि प्रस्ताव का समग्र मूल्यांकन करें और छात्रों को दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव के संदर्भ में लागत-लाभ का विश्लेषण रिकार्ड करें, ताकि अतीत में शिक्षकों के लिए किए गए विभिन्न विदेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके।

    एलजी ने देश के उत्कृष्ट संस्थानों में समान प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जांच और पहचान करने की भी सलाह दी है, ताकि संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।