दिल्ली विधानसभा में लगा 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र, हर साल एक करोड़ 17 लाख रुपये की होगी बचत
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दिल्ली विधानसभा में ई-विधान और 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा अब पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलने वाली देश की पहली विधानसभा है जिससे बिजली बिल में भारी बचत होगी। ई-विधान प्रणाली से प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को दिल्ली विधानसभा परिसर में ई-विधान (कागज रहित विधानसभा) और 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा बहुत पहले ई-विधानसभा हाे सकती थी, मगर पूर्व की सरकार ने कोई रुचि नहीें दिखाई। मगर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने रुचि दिखाई और रिकार्ड समय में इस काम को पूरा कराया है। उन्होंने भरोसा दिया कि विधानसभा के लिए जितने भी पैसे लगेंगे वह पैसा केंद्र की ओर से देने के लिए तैयार हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा पूर्णतः सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली देश की पहली विधानसभा बन गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा, ऊर्जा मंत्री आशीष सूद, विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट तथा मुख्य सचेतक अभय वर्मा सहित कई गणमान्य विधायक उपस्थित थे।
यहां शुरू किए गए इस सौर ऊर्जा संयंत्र से प्रतिमाह बिजली के बिल के 15 लाख रुपये की बचत होगी जाे वार्षिक अनुमानित बचत 1.75 करोड़ तक बैठती है। नेट मीटरिंग के माध्यम से अतिरिक्त विद्युत उत्पादन की भी आशा है। जिससे विधानसभा उपयोग से बचने वाली बिजली उल्टे बिजली कंपनियाें काे बेच भी सकेगी।
उधर ई-विधान प्रणाली के तहत अब विधानसभा की समस्त कार्यवाही डिजिटल माध्यम से, पूर्णतः पेपरलेस रूप में संचालित होगी, जिससे न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरणीय प्रभाव भी न्यूनतम होगा। कागज पर प्रति वर्ष खर्च होने वाली लाखों की राशि की बचत हो सकेगी।
केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि दिल्ली विधानसभा की इमारत ऐतिहासिक है और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जो काम कर रही हैं वह भी ऐतिहासिक है। इतिहास की बात आने पर उन्होंने जाेड़ा कि स्वतंत्रता आंदोलन को अंग्रेज गदर कहते थे।
उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए आगे आने वाले हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को दंड देने के लिए अंग्रेज भारतीय दंड संहिता लेकर आए थे मगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारे देश के लोगों को न्याय देने के लिए भारतीय न्याय संहिता लाए हैं, इसलिए कानूनों में बदलाव किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में शुरू की गईं दोनों पहल की सराहना की।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि यह नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में हमारा एक समग्र प्रयास है। कहा कि 1912 में बने इस ऐतिहासिक भवन में देश की पहली संसद का संचालन हुआ था। आज हम उसी विरासत को आधुनिकता से जोड़ रहे हैं। कहा कि ई-विधान प्रणाली का कार्य महज 100 दिनों में पूरा किया गया है।
गुप्ता ने बताया कि वहीं सौर ऊर्जा से होने वाली बचत को जनता के विकास कार्यों में लगाया जाएगा। कहा कि सोमवार को सदन पूर्णरूप से सौर ऊर्जा से चलेगा और ई-विधान प्रणाली लागू होगी। इसके अतिरिक्त विधानसभा पुस्तकालय का डिजिटलीकरण तथा आइटी बुनियादी ढांचे का सशक्तीकरण भी प्रगति पर है।
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