अब यमुना में नहीं बल्कि इस जगह होगा मूर्ति विसर्जन, दिल्ली सरकार का नदी को प्रदूषण मुक्त करने का प्लान तैयार
दिल्ली सरकार गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा के लिए 80 कृत्रिम तालाब बना रही है ताकि यमुना नदी को प्रदूषण से बचाया जा सके। पश्चिमी दिल्ली में 20 और अन्य क्षेत्रों में भी तालाब बनाए जाएंगे। विसर्जन के बाद पानी को साफ़ करके दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा। हर विसर्जन स्थल पर एम्बुलेंस और स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि यमुना को स्वच्छ रखना उनका कर्तव्य है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी और आगामी दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान पर्यावरण-अनुकूल मूर्ति विसर्जन के लिए, दिल्ली सरकार शहर में लगभग 80 कृत्रिम तालाबों का निर्माण कर रही है। ऐसा इसलिए ताकि यमुना प्रदूषण मुक्त रहे।
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी दिल्ली में 20, पूर्वी दिल्ली में 16, उत्तर-पश्चिम में 12, दक्षिण-पूर्व में नौ, दक्षिण-पश्चिम में सात, शाहदरा, दक्षिण और उत्तर-पूर्व में पाँच-पाँच, मध्य दिल्ली में चार और उत्तरी दिल्ली में एक तालाब बनाया जाएगा।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की मदद से बनाए जा रहे और जल बोर्ड द्वारा भरे जा रहे इन तालाबों को स्थानीय विधायकों और निवासी कल्याण संघों के परामर्श से अंतिम रूप दिया जा रहा है। विसर्जन के बाद, पानी को उपचारित करके सड़कों पर छिड़काव और पार्कों की सिंचाई के लिए पुन: उपयोग किया जाएगा।
प्रत्येक मूर्ति विसर्जन स्थल पर एक एम्बुलेंस और आपातकालीन स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध होगी। इसका समन्वय जिला स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। दिल्ली पुलिस यातायात परिवर्तन, सीसीटीवी कवरेज और भीड़ प्रबंधन की निगरानी करेगी।
सोमवार को पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी जिलाधिकारियों के साथ व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा, "यमुना को स्वच्छ रखना और हर श्रद्धालु को त्योहार मनाने के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है। विसर्जन को विशेष रूप से निर्मित तालाबों में स्थानांतरित करना परंपरा और संरक्षण का सबसे व्यावहारिक संयोजन है।"
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