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    Delhi AQI Today: एक दिन की बारिश ने सुधार दी दिल्ली-NCR की हवा, आज रात से बढ़ जाएगा प्रदूषण; ये है असली वजह

    By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya
    Updated: Sun, 12 Nov 2023 06:30 AM (IST)

    Delhi AQI Today नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता से जुड़ी रिपोर्ट पर विभिन्न एजेंसियों के दावे पर सवाल उठाया है। कहा कि जमीनी स्तर पर परिणाम असंतोषजनक हैं। एनजीटी के चेयरमैन न्यायमर्ति प्रकाश श्रीवास्तव न्यायिक सदस्य सुधीर अग्रवाल और पर्यावरण सदस्य ए.सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि एजेंसियों को अपनी रणनीति की समीक्षा करने की जरूरत है।

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    Delhi AQI Today: एक दिन की बारिश ने सुधार दी दिल्ली-NCR की हवा

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार रात को हुई वर्षा के बाद वायु प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सुधार हुआ है। दिवाली से पहले लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि लगातार तीसरे दिन दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में रही, जबकि एनसीआर के प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में रविवार को सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 263 पर आ गया है, जो शुक्रवार को 300 था। आनंद विहार में एक्यूआई 263, आरके पुरम में 242, पंजाबी बाग में 229 और आईटीओ में 224 रहा। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर के मौसम में फिर से बदलाव होने की पूरी संभावना है।

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    दिवाली बाद फिर बढ़ेगा प्रदूषण

    केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, उत्तर पश्चिम की तरफ से हवा चलने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है, इसलिए दीवाली के दिन दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच सकती है। दीवाली के अगले दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक से अधिक जा सकता है। इस वजह से 13 और 14 नवंबर को हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में रहने की संभावना है।

    असंतोषजनक हैं वायु प्रदूषण के नियंत्रण पर एजेंसियों के दावे

    नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता से जुड़ी रिपोर्ट पर विभिन्न एजेंसियों के दावे पर सवाल उठाया है। कहा कि जमीनी स्तर पर परिणाम असंतोषजनक हैं। एनजीटी के चेयरमैन न्यायमर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य सुधीर अग्रवाल और पर्यावरण सदस्य ए.सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि एजेंसियों को अपनी रणनीति की समीक्षा करने की जरूरत है।

    20 नवंबर को अगली सुनवाई

    एजेंसियों को एनसीआर में एक्यूआइ में सुधार के लिए निर्धारित समयसीमा के अंदर उचित समाधान निकालना होगा। वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं होने की स्थिति को देखते हुए प्रतिवादियों को कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और सीपीसीबी प्रतिवादी 20 नवंबर को अगली सुनवाई से पहले कार्रवाई रिपोर्ट पेश करेंगे।

    रिपोर्ट करनी होगी पेश

    एनजीटी ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और सीपीसीबी प्रतिवादियों को 20 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एनजीटी में दाखिल अपनी रिपोर्ट में अंतिम समय में ग्रैप के संशोधित अक्टूबर-2023 का विवरण शामिल किया है। इसमें अक्टूबर माह के शुरूआर में जहां एक्यूआइ बेहद खराब पाया गया था और मौसम विज्ञान और जलवायु परिस्थितियों के तहत 21 अक्टूबर से ग्रेप-दो सक्रिय रूप से लागू किया गया था।

    एजेंसियों ने एनजीटी में दिए सुझाव

    ग्रेप के तहत सभी प्रकार के सरकारी निर्माण की अनुमति दी गई है, जबकि ग्रेप-चतुर्थ चरण लागू होने पर केवल अत्यावश्यक और समयबद्ध सरकारी निर्माण गतिविधियों की अनुमति दी जानी चाहिए और अन्य को तब तक के लिए स्थगित कर दिया जाना चाहिए। ग्रेप के कार्यान्वयन में एजेंसियों की ओर से खामियां हैं और इसलिए ग्रैप का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाया जाना चाहिए। पेट्रोलियम मंत्रालय को अपंजीकृत व गैर अनुपालन करने वाले वाहनों को पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए।

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