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    प्रदूषण फैलाने पर हो सकती है सजा भी, सावधान हो जाएं दिल्ली-NCR के लोग

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Wed, 31 Jan 2018 08:45 AM (IST)

    इसकी चपेट में अधिकारी और प्रदूषण बोर्ड भी होंगे। इस दिशा में नियम कायदों को कानूनी रूप देने की तैयारी शुरू हो गई है। ...और पढ़ें

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    प्रदूषण फैलाने पर हो सकती है सजा भी, सावधान हो जाएं दिल्ली-NCR के लोग

    नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाना निकट भविष्य में आपराधिक मामला भी हो सकता है। दोषी पाए जाने पर जुर्माने सहित सजा का प्रावधान भी संभव है। खास बात यह कि इसकी चपेट में अधिकारी और प्रदूषण बोर्ड भी होंगे। इस दिशा में नियम कायदों को कानूनी रूप देने की तैयारी शुरू हो गई है।

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    दरअसल, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) सहित विभिन्न नियम-कानून बनाने के बावजूद दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण थमने का नाम नहीं ले रहा है।

    वर्ष 2016 में तो दिल्ली जब गैस चैंबर बनी तो इसे अपवाद माना गया, लेकिन जब वर्ष 2017 में भी बार-बार इसकी पुनरावृत्ति हुई तो केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय सहित प्रधानमंत्री कार्यालय तक ने गंभीर रुख अख्तियार कर लिया।

    वहीं, समस्या के समाधान के लिए लगातार समीक्षा बैठकें हो रही हैं, साथ ही छह अलग-अलग उच्चस्तरीय समितियां काम भी कर रही हैं। इसी कड़ी में प्रदूषण फैलाने संबंधी नियम कायदों को अब कानूनी जामा पहनाने की तैयारी भी की जा रही है।

    ‘विधि- सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी’ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ तो कानूनी कार्रवाई करने का सुझाव दिया ही गया है, सभी संबंधित सरकारी विभागों और स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों की जिम्मेदारियां तय करने की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई है।

    इस प्रस्ताव में लापरवाही पर संबंधित अधिकारी अथवा विभाग के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। सूत्रों के मुताबिक गत सप्ताह 24 जनवरी को ही सीपीसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच इस प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा हुई थी। सीपीसीबी ने इसे सैद्धांतिक रूप से कारगर मानते हुए विधि को अपने सुझावों के साथ इसमें दिल्ली-एनसीआर के परिप्रेक्ष्य में कुछ संशोधन करने को कहा है।

    इस विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर ही सीपीसीबी केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय को अपनी अनुशंसा भेजेगा। स्वीकृति मिलते ही जनहित में पर्यावरण संरक्षण के लिए कानूनी कार्रवाई संबंधी नियम लागू कर दिए जाएंगे।