Delhi Air Quality: जुलाई में दिल्ली की हवा 2015 के बाद सबसे साफ, बारिश से सुधरे हालात
दिल्ली में लगातार बारिश के चलते जुलाई में हवा की गुणवत्ता 2015 के बाद सबसे बेहतर रही। इस माह औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 78 दर्ज किया गया। लॉकडाउन के दौरान भी इतनी अच्छी हवा नहीं थी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अनुसार दस सालों में यह सबसे साफ जुलाई रही। 30 जुलाई तक 28 दिन संतोषजनक हवा वाले रहे।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार हो रही वर्षा के कारण जुलाई में हवा की गुणवत्ता काफी अच्छी रही। इस माह औसतम वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 78 दर्ज किया गया है, जो 2015 के बाद से सबसे कम है।
आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडॉउन के कारण उस दौरान जो हवा साफ हुई थी, उससे भी अधिक साफ जुलाई 2025 की हवा रही।
यह एक्यूआई दिल्ली में पूरे जुलाई रूक-रूक हो रही वर्षा की वजह से दर्ज किया गया है। पूरे हफ्ते हुई वर्षा के चलते दिल्ली के वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में दस सालों से भी ज्यादा समय के बाद जुलाई महीना सबसे ज्यादा साफ रहा। रुक-रुक होती रही वर्षा के चलते हवा लगातार साफ होती रही।
नतीजन दिल्ली की साफ हवा ने बीते 10 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। जुलाई 2025 में 30 तारीख तक दिल्ली में 28 संतोषजनक हवा वाले दिन और दो मध्यम हवा वाले दिन दर्ज किए गए। इस महीने दर्ज किया गया सबसे अच्छा एक्यूआई 15 जुलाई को 51 था।
जो अच्छी हवा की श्रेणी के करीब था, और सबसे खराब एक्यूआई 26 जुलाई को 136 दर्ज किया गया। इसकी तुलना में, जुलाई 2024 में दिल्ली में 14 मध्यम और 17 संतोषजनक हवा वाले दिन दर्ज किए गए थे, जिसमें 11 जुलाई को उच्चतम एक्यूआई 138 था।
जुलाई महीने का औसत एक्यूआई क्रमश
2018 में 104, 2019 में 134, 2020 में 84, 2021 में 110, 2022 में 87, 2023 में 84 और 2024 में 96 था। इसके अलावा, जुलाई महीने में सबसे ज्यादा 'संतोषजनक' दिन (एक्यूआई 51-100) भी देखे गए, यानी ऐसे 29 दिन।
जबकि 2018 में 16 दिन, 2019 में 12 दिन, 2020 में 25 दिन, 2021 में 20 दिन, 2022 में 25 दिन, 2023 में 26 दिन और 2024 में 17 दिन थे। जनवरी-जुलाई की अवधि के लिए दिल्ली के औसत एक्यूआई में भी पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
चालू वर्ष में इसका औसत मान 184 दर्ज किया गया है, जबकि 2024 में यह 204, 2023 में 183, 2022 में 209, 2021 में 205, 2020 में 159, 2019 में 215 और 2018 में 217 था।
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