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    Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का भी बदला ट्रेंड, साल 2022 में सर्दी रही साफ और गर्मी प्रदूषित

    By sanjeev GuptaEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Mon, 06 Feb 2023 10:50 AM (IST)

    Delhi Air Pollution इस साल सर्दियों में हवाएं अच्छी चली हैं। ग्रेप को पूर्वानुमान के आधार पर लागू किया है। पराली के मामले भी काफी कम हुए हैं। इसके बावजूद दिल्ली में बारिश के साथ ही प्रदूषण का भी ट्रेंड बदला है।

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    Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का भी बदला ट्रेंड

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में बारिश का ही नहीं, प्रदूषण का ट्रेंड भी बदल रहा है। सर्दियों से ज्यादा प्रदूषण गर्मियों के माह में रहने लगा है। वर्ष 2022 की ही बात करें तो सालाना एक्यूआइ के स्तर में भले ज्यादा बदलाव नहीं हुआ, लेकिन सर्दियों और गर्मियों के महीनों की स्थिति में खासा बदलाव देखने को मिलता है।

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    गौरतलब है कि दिल्ली मेें वर्षा भी जून, जूलाई में अधिक नहीं होती बल्कि अगस्त सितंबर में रिकार्ड बनाती है। इसी तरह इस साल सर्दी में भी नवंबर और दिसंबर सूखे रहे जबकि जनवरी में अच्छी बरसात हो गई। वर्षा के इस बदलते ट्रेंड का असर भी प्रदूषण पर साफ देखने को मिल रहा है।

    पड़ोसी राज्यों की धूल से बढ़ा प्रदूषण 

    वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अनुसार 2022 के तीन महीने जनवरी, फरवरी और दिसंबर सबसे बेहतर गुजरे। तीनों महीनों में 2018 से अभी तक प्रदूषण का स्तर सबसे कम रहा है। वहीं जुलाई, अक्टूबर और नवंबर इस मामले में दूसरे पायदान पर रहे। दूसरी ओर शुष्क मौसम के कारण अप्रैल, मई और जून में धूल की समस्या काफी अधिक रही। पड़ोसी राज्यों की धूल से इन तीनों महीनों में प्रदूषण बढ़ गया।

    साल के औसत एक्यूआइ स्तर में 2021 की तुलना में कोई कमी नहीं आई। सीएक्यूएम के अनुसार 2022 का पीएम 2.5 का दैनिक औसत स्तर कोराेना काल के तकरीबन 98 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।

    सीएक्यूएम के अनुसार 2022 में सिर्फ 204 घंटे ही पीएम 2.5 का स्तर ''गंभीर'' श्रेणी में रहा। वहीं 2021 में 628 घंटे इस श्रेणी में रहा था। इस साल लोगों को 1096 घंटे ''अच्छी'' श्रेणी की हवा मिली। 2021 में यह महज 827 घंटे ही नसीब हुई थी। मालूम हो कि ''अच्छी'' श्रेणी की हवा उसे माना जाता है जब एक्यूआइ 200 के नीचे रहे।

    सीईईडब्ल्यू (काउंसिल आन एनवायरमेंट एंड वाटर) की प्रोग्राम लीड तनुश्री गांगुली ने कहा कि शुष्क मौसम की वजह से इस बार गर्मियां अधिक प्रदूषित रही। वहीं सर्दियों में मौसम ने दिल्ली का साथ दिया। इसलिए प्रदूषण का स्तर कम हुआ। ग्रेप के संशोधित वर्जन से भी इस बार प्रदूषण कम हुआ है।

    सीएसई (सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट) की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी ने कहा कि इस साल सर्दियों में हवाएं अच्छी चली हैं। ग्रेप को पूर्वानुमान के आधार पर लागू किया है। पराली के मामले भी काफी कम हुए हैं। दिवाली पहले ही आ गई थी। प्रदूषण कम करने के लिए निरंतर इन प्रयासों का होना जारी रहना चाहिए।

    दैनिक औसत एक्यूआइ

    वर्ष        एक्यूआइ

    2018 - 225

    2019 - 215

    2020 - 185

    2021 - 209

    2022 - 209

    पांच सालों के दौरान पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर

    साल     पीएम 10 का दैनिक औसत       पीएम 2.5 का दैनिक औसत

    2018         243                                                115

    2019          218                                               108

    2020          181                                                  95

    2021           213                                               105

    2022           211                                                  98

    पांच सालों के दौरान कितने दिन लागू रहा ग्रेप

    साल   ग्रेप-3   ग्रेप-4

    2018 - 61

    2019   52    135

    2020 61 -

    2021 7 23

    2022 20 3