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    Delhi AIIMS: आई फ्लू में स्टेरॉयड के इस्तेमाल से कमजोर हो सकती है आंखों की रोशनी, बेहद जरूरी हैं ये सावधानियां

    By Jagran NewsEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Sun, 06 Aug 2023 12:35 AM (IST)

    पूरे उत्तर भारत में इन दिनों आई फ्लू का संक्रमण फैला हुआ है। आंख की सूजन और लाली को जल्दी ठीक करने के लिए कई डॉक्टर मरीजों को स्टेरॉयड भी दे रहे हैं। AIIMS के डॉक्टर कहते हैं कि स्टेरॉयड देने से आई फ्लू में आंखों को जल्द आराम तो मिल जाता है लेकिन बाद में इससे आंखों को नुकसान होने और रोशनी कमजोर होने का खतरा रहता है।

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    एम्स के डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र ने मरीजों को स्टेरॉयड नहीं देने की सलाह दी है। (फोटो- जागरण)

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में इन दिनों आई फ्लू का संक्रमण फैला हुआ है। आंख की सूजन और लाली को जल्दी ठीक करने के लिए कई डॉक्टर मरीजों को स्टेरॉयड भी दे रहे हैं। एम्स के डॉक्टर कहते हैं कि स्टेरॉयड देने से आई फ्लू में आंखों को जल्द आराम तो मिल जाता है, लेकिन बाद में इससे आंखों को नुकसान होने और रोशनी कमजोर होने का खतरा रहता है। इसलिए एम्स के डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र ने मरीजों को स्टेरॉयड नहीं देने की सलाह दी है।

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    कॉर्निया पर आ सकते हैं धब्बे

    एम्स के डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. जेएस तितियाल ने कहा कि आंखों में स्टेरॉयड युक्त आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने से दो सप्ताह बाद कॉर्निया पर धब्बे आने और आंखों का प्रेशर बढ़ाने का खतरा रहता है। इसलिए एम्स ने अपने इलाज के प्रोटोकाल में स्टेरॉयड को शामिल नहीं किया है। बहुत आवश्यक होने पर ही मरीजों को स्टेरॉयड देना चाहिए।

    पूरा परिवार न करे एक ही आई ड्रॉप का इस्तेमाल

    डॉक्टर ने कहा कि  एंटीबायोटिक का इस्तेमाल भी उचित तरीके से होना चाहिए। किसी एक को आई फ्लू होने पर परिवार के कई अन्य सदस्य की आंखों में भी इसका संक्रमण हो जाता है। ऐसी स्थिति में एक ही आई ड्रॉप परिवार के सभी सदस्य इस्तेमाल करते हैं। इससे क्रॉस संक्रमण होने का खतरा रहता है। इसलिए हर मरीज को अलग-अलग आई ड्रॉप इस्तेमाल करना चाहिए। 20 से 30 प्रतिशत मरीजों में एडिनोवायरस के अलावा बैक्टिरिया का संक्रमण भी देखा जा रहा है। ऐसे मरीजों को एंटीबायोटिक दी जा सकती है।

    रिपोर्ट इनपुट- रणविजय सिंह