Delhi AIIMS: एम्स में अगले साल तक लग जाएगी रेडियोथेरेपी की दो अत्याधुनिक मशीनें, विभाग ने शुरू की टेंडर प्रक्रिया
दिल्ली एम्स के कैंसर सेंटर में रेडियोथेरेपी के लिए 70 करोड़ की लागत से दो आधुनिक मशीनें लगेंगी। टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अगले साल तक मशीनें स्थापित होने की उम्मीद है। पुरानी मशीनों के कारण मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। एम्स में हर साल लाखों कैंसर मरीज आते हैं और नई मशीनों से इलाज में तेजी आएगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एम्स के कैंसर सेंटर आइआरसीएच (इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हास्पिटल) में कैंसर मरीजों की रेडियोथेरेपी के लिए 70 करोड़ की लागत से दो अत्याधुनिक हाई एनर्जी लीनियर एक्सीलेरेटर मशीनें लगेंगी। आइआरसीएच के रेडियोथेरेपी विभाग ने नए मशीनों को खरीद के लिए नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की है।
एम्स प्रशासन का कहना है कि टेंडर आवंटन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले वर्ष के मध्य तक कैंसर सेंटर में दोनों नई मशीनें लग जाएंगी। इससे कैंसर मरीजों को रेडियोथेरेपी की बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
कैंसर सेंटर में लीनियर एक्सीलेरेटर मशीनें उपलब्ध
एम्स के कैंसर सेंटर में लीनियर एक्सीलेरेटर मशीनें उपलब्ध है। इनमें से एक लीनियर एक्सीलेरेटर मशीन वर्ष 2001 में और दूसरी मशीन वर्ष 2006 में खरीदी गई थी। इस तरह एक मशीन 24 वर्ष और दूसरी मशीन 19 वर्ष पुरानी हो चुकी है। जबकि इन मशीनों की आयु दस वर्ष मानी जाती है। ऐसे में दोनों मशीनें अक्सर खराब रहती हैं। इस वजह से एक लीनियर एक्सीलेरेटर मशीन पर ही कैंसर मरीजों के इलाज का दारोमदार है।
एम्स के कैंसर सेंटर की ओपीडी में वर्ष भर में करीब पौने दो लाख मरीज पहुंचते हैं। जिसमें से करीब 15 हजार नए मरीज शामिल होते हैं। दो लीनियर एक्सीलेरेटर मशीनें बेहद पुरानी और मरीजों का दबाव अधिक होने से इलाज में देरी होती है। इसके मद्देनजर पिछले वर्ष एक टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन तकनीकी कारणों से उसे रद करना पड़ा।
विभाग ने 15 मई को नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की
इसके बाद रेडियोथेरेपी विभाग ने 15 मई को नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। टेंडर आवंटन के बाद दोनों मशीनें एम्स में आने में तीन महीना समय लगेगा। इसके बाद उसे कैंसर सेंटर के बंकर में स्थापित करने में करीब डेढ़ माह समय लगेगा। इसके बाद परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) से स्वीकृति मिलने में एक माह अतिरिक्त समय लग सकता है। ऐसे में टेंडर आवंटन के बाद मशीनें आने और उसका संचालन शुरू होने में करीब छह माह समय लग सकता है।
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