Move to Jagran APP

दिल्ली एम्स की स्मार्ट लैब में मरीज के एक सैंपल से 85 तरह की जांच, जानें रोबोटिक मशीनों की खासियत

एम्स की लैब में मरीज के एक ब्लड सैंपल से अभी 85 तरह की जांच की जा रही है। डा. सुब्रत सिन्हा ने कहा कि लैब में रोबोटिक मशीनें लगी हैं जो एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। हर मशीन में अलग-अलग मार्कर की जांच होती है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 09:41 PM (IST)
एम्स की स्मार्ट लैब में मरीज के एक सैंपल से 85 तरह की जांच

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को एम्स के स्मार्ट लैब का दौरा किया। यह स्मार्ट लैब की मदद से ही एम्स की ओपीडी में दिखाने के बाद उसी दिन मरीज की ब्लड जांच सुनिश्चित हो सकेगी। इसलिए स्वास्थ्य मंत्री ने इस स्मार्ट लैब का निरीक्षण किया। एम्स के डाक्टर कहते हैं कि यह देश का सबसे अत्याधुनिक डायग्नोस्टक लैब है, जो पूरी तरह रोबोटिक है। इस लैब में मरीज के एक ब्लड सैंपल से अभी 85 तरह की जांच की जा रही है।

loksabha election banner

वहीं जांच भी पहले की तुलना में लैब मेडिसिन विभाग में तीन से चार गुना जांच बढ़ गई है। हालांकि, अभी क्षमता से एक चौथाई ही जांच हो पा रही है। इसलिए इस स्मार्ट लैब की मदद से जांच बढ़ाई जा सकती है।

विभाग के डाक्टरों ने बताया कि पहले प्रतिदिन एक हजार से डेढ़ हजार मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच होती थी। वहीं मौजूदा समय में प्रतिदिन चार हजार से लेकर 4500 मरीजों के सैम्पल की जांच हो रही है। इस वजह से मरीजों की जांच रिपोर्ट सैंपल लेने के दिन ही देर शाम तक आ जाती है। सामान्य लैब में मरीज की अलग-अलग जांच के लिए ब्लड के अलग-अलग सैंपल लेने पड़ते हैं।

उदाहरण के लिए यदि किसी मरीज को ब्लड काउंट, लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फक्शन टेस्ट या कोई और जांच करानी हो तो सामान्य लैब में मरीज के ब्लड से चार-पांच सैंपल लेने पड़ते हैं। मरीज को इस परेशानी से स्मार्ट लैब ने राहत दिला दी है।

विभागाध्यक्ष डा. सुब्रत सिन्हा ने कहा कि लैब में रोबोटिक मशीनें लगी हैं, जो एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। हर मशीन में अलग-अलग मार्कर की जांच होती है। हर सैंपल पर बार कोड होता है, इसके माध्यम से मशीन को यह पता चलता है कि मरीज के सैंपल से कितने तरह की जांच होनी है। सैंपल लगाने के बाद पहली मशीन अपने हिस्से की जांच करने के बाद सैंपल को दूसरे मशीन में स्वयं स्थानांतरित कर देती है। दूसरी मशीन में निर्धारित मार्कर की जांच के बाद सैंपल तीसरे, चौथे, पांचवें और फिर छठे मशीन में पहुंच जाता है।

दो लाख सैंपल के बराबर जांच करने की क्षमता

इस लैब में दो लाख सैंपल के बराबर जांच करने की क्षमता है। मौजूदा समय में प्रतिदिन चार हजार से 4500 मरीजों के करीब 50 हजार सैंपल के बराबर जांच की जा रही है। इस लैब से प्रतिदिन 10 हजार मरीजों की रिपोर्ट तैयार हो सकती है।

डी-डाइमर, सीआरपी, एंटीबाडी इत्यादि जांच में बनी मददगार

स्मार्ट लैब के प्रभारी डा. सुदीप दत्ता ने कहा कि दूसरी लहर में कोरोना के मरीजों के डी-डाइमर, सीआरपी (सी-रिएक्टिव प्रोटीन), एंटीबाडी सहित कई तरह की जांच में भी यह लैब मददगार बनी। इस लैब में आने वाले दिनों में 270 तरह की जांच की जा सकती है।

दिल्ली एम्स में बैठकर छह एम्स के कामकाज की समीक्षा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दिल्ली एम्स में बैठकर छह एम्स के कामकाज की समीक्षा की और इलाज की सुविधाएं बेहतर बनाने का निर्देश दिया। इस दौरान भोपाल, भुवनेश्वर, रायपुर, जोधपुर, पटना व ऋषिकेश के निदेशक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े हुए थे। इसमें दिल्ली एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया भी शामिल थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.