Delhi AIIMS : एम्स ने दी राहत, मुफ्त में होगा OPD का रजिस्ट्रेशन और 300 रुपये तक जांच भी होगी फ्री
Delhi AIIMS OPD Fees दिल्ली स्थित एम्स प्रशासन ने इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। यहां पर इलाज के लिए अब लोगों को ओपीडी पंजीकरण के तौर पर 10 रुपये का शुल्क नहीं देना होगा। यह निर्णय मंगलवार से लागू होगा।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) में मंगलवार से कई सुविधाएं शुरू हो रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार से एम्स में ओपीडी पंजीकरण निशुल्क हो जाएगी, इसलिए ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को पंजीकरण शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इससे मरीजों का ओपीडी पंजीकरण में पैसे के साथ-साथ समय भी बचेगा। इससे मरीजों को इलाज में थोड़ी राहत मिलेगी।
लाइन लगाने से भी मिलेगी राहत
एम्स में दिल्ली के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड सहित कई राज्यों से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इस वजह से ओपीडी में प्रतिदिन करीब 12 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इससे ओपीडी पंजीकरण के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगती है। इस वजह से ओपीडी पंजीकरण के लिए मरीजों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है।
समय भी बचेगा लोगों का
ओपीडी पंजीकरण के लिए 10 रुपये शुल्क निर्धारित था। इस शुल्क भुगतान की प्रक्रिया से भी ओपीडी पंजीकरण में थोड़ा अधिक समय लगता था। एम्स को इस ओपीडी पंजीकरण के शुल्क से बहुत ज्यादा राजस्व की प्राप्ति नहीं होती है। इसलिए लंबे समय से ओपीडी पंजीकरण और कम शुल्क की जांचें निशुल्क करने पर विचार चल रहा था। 300 रुपये तक की जांचें कुछ माह पहले ही निशुल्क हो चुकी हैं लेकिन ओपीडी का पंजीकरण निशुल्क नहीं हुआ था। एम्स के निदेशक डा. एम श्रीनिवास के आदेश पर एक नवंबर से ओपीडी पंजीकरण निशुल्क होगा।
स्लाट के अनुसार मिलेगा अप्वाइंटमेंट
मंगलवार से एम्स में इलाज के लिए अप्वाइंटमेंट भी स्लाट के अनुसार मिलेगा। इसलिए मरीजों को स्लाट के अनुसार मिले समय पर ओपीडी पंजीकरण के लिए बुलाया जाएगा। यह कदम भी ओपीडी में भीड़ नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
सीटी-MRC जांच में वेटिंग की आनलाइन मिलेगी जानकारी
एम्स में सीटी व एमआरआइ जांच के आंकड़ों की आनलाइन निगरानी होगी। इसलिए मंगलवार से सीटी व एमआरआइ जांच के आंकड़े पोर्टल (mrictinfo.aiims.edu) आनलाइन उपलब्ध होंगे। इसका मकसद सीटी व एमआरआइ जांच में पारदर्शिता लाना है। ताकि मरीजों को जांच में ज्यादा परेशानी न होने पाए।
गंभीर मरीज की होगी उसी दिन जांच
एम्स के अनुसार इस पोर्टल के माध्यम से सीटी व एमआरआइ जांच की वेटिंग की मरीजों को आनलाइन जानकारी मिल सकेगी। जांच के दौरान स्लाट खाली होने पर ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे किसी गंभीर मरीज की उसी दिन जांच भी हो सकेगी, इसलिए पोर्टल पर कार्डियक रेडियोलाजी, न्यूरो रेडियाेलाजी, मुख्य अस्पताल के रेडियोलाजी विभाग सहित सभी सेंटरों में सीटी व एमआरआइ जांच के आंकड़े आनलाइन होंगे।
दो साल तक की मिलती थी तारीख, अब राहत
मरीज की जांच के दौरान ही आंकड़ा रियल टाइम में अपडेट किया जाएगा। मौजूदा समय में एम्स में सीटी व एमआरआइ जांच के लिए दो साल बाद तक की तारीख दी जाती है। इसके मद्देनजर एम्स प्रशासन ने सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच की सुविधा 24 घंटे शुरू करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक इस पर अमल नहीं हो रहा है
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