Delhi: विधानसभा में सत्तापक्ष का हंगामा, मुख्यसचिव को निलंबित करने की मांग; एक दिन और बढ़ी सदन की कार्यवाही
Delhi Assembly दिल्ली विधानसभा एक बार फिर से कार्यवाही शुरू हुई। हालांकि सत्तापक्ष के हंगामे के कारण सदन कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया और सदन की कार्यवाही एक दिन और बढ़ाई गई। आम आदमी पार्टी के विधायक मोहिंदर गोयल ने आज बुधवार को नोटों की गड्डी दिखाई।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली विधानसभा सत्र की कार्यवाही एक दिन के लिए और बढ़ा दी गई। इससे पहले सदन में सत्तापक्ष का हंगामा देखने को मिला। इसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित हो गई।
बता दें कि सत्तापक्ष के लोग मुख्यसचिव नरेश कुमार को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं। खास बात है कि बुधवार को सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के विधायक महेन्द्र गोयल ने बुधवार को सदन के अंदर नकदी की गड्डी दिखायी। आप विधायक ने दावा किया कि शहर के एक सरकारी अस्पताल में एक निजी ठेकेदार ने उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की।
अस्पताल में कर्मचारी भर्ती में अनियमितता की शिकायत
रोहिणी के बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल में अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं की शिकायत करते हुए आप विधायक गोयल ने दावा किया कि उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रहे शक्तिशाली लोगों से उनकी जान को खतरा है।
There's tender for recruitment in nursing at Dr Baba Saheb Ambedkar Hospital. Money is collected. Staff isn't given full salary. Contractors collect money from them. I complained to DCP, CS & LG...I'm risking my life, they're musclemen. It should be probed: AAP MLA Mohinder Goyal pic.twitter.com/hIXqJFyklf
— ANI (@ANI) January 18, 2023
विधायक ने आगे कहा कि वह धमकियों से विचलित नहीं हुए और निजी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। रिठाला विधायक ने सदन को बताया, "मुझे सुरक्षा की जरूरत है। मेरी जान को खतरा है।" अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने मामले को गंभीर बताते हुए सदन की याचिका समिति को रेफर कर दिया।
स्पीकर रामनिवास गोयल ने एलजी को कहा जोकर
सदन में शुरू की मेयर चुनाव में एलजी की संदिग्ध भूमिका पर चर्चा के दौरान स्पीकर रामनिवास गोयल ने एलजी वीके सक्सेना को जोकर कहा। हालांकि भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने इस पर आपत्ति की, लेकिन स्पीकर ने आपत्ति को दरकिनार करते हुए कहा कि एलजी जोकर ही हैं।
एलजी किसी कबीले के सरदार नहीं- डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह चर्चा इसलिए अहम है कि हम संविधान को कितना मानते हैं। लोकल गवर्नेन्स की बात आएगी तो संविधान में लोकल बॉडी का प्रविधान है। एलजी साहब को यह समझना चाहिए कि वे लोकल गवर्नेन्स नहीं हैं, उन्हें संविधान का सम्मान करना चाहिए।
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डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि वो किसी कबीले के सरदार नहीं हैं। लेकिन वो काम ऐसे ही कर रहे हैं। किसी संवैधानिक परंपरा का सम्मान नहीं कर रहे। अपने बड़े सरकार का हुक्म बजाने में लगे हैं। उन्हें अपने सरकार की नहीं, जनता के बारे में सोचना चाहिए।
उनके पास कोई अधिकार ही नहीं कि वो चुनी हुई सरकार के काम रोक सकें। 1998 में सुप्रीम कोर्ट ने पाहवा केस में स्पष्ट लिखा हुआ है कि चुनी हुई सरकार के निर्णयों को मानना उनकी बाध्यता है।
एमसीडी में उन्होंने जो भी किया, वो सब गलत है। राय देने की बजाए वो सीधे निर्णय लेने लगे हैं। कांग्रेस के साथ भी रिश्तेदारी निभा रहे हैं। जो नाजिया दानिश अभी पार्षद बनी भी नहीं, उनको हज कमेटी का अध्यक्ष बना दिया।
पीठासीन अधिकारी के लिए मैने उनको सिर्फ एक नाम भेजा था, एलजी झूठ बोल रहे हैं कि उन्हें कई नाम दिए गए थे। लेकिन उन्हें तो अपनी मर्जी चलानी है।
एलजी को सिर्फ तीन काम दिए गए हैं- डिप्टी सीएम
एलजी साहब को संविधान ने सिर्फ तीन काम दिए हैं - पुलिस, कानून व्यवस्था और जमीन। लेकिन वो इन्हें ही नहीं संभाल पा रहे। सुल्तानपुरी कांड में उस भाजपा नेता को उन्होंने नहीं देखा, जिसने एक लड़की को 12 किमी तक सड़क पर घसीटा। वो आज तक किसी पुलिस थाने नहीं गए। इसी तरह पूरी दिल्ली में डीडीए की जमीन पर कब्जे हो रखे हैं, लेकिन एलजी उसे भी नहीं छुड़वा पा रहे।
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