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    ड्रोन और उन्नत रडार सिस्टम से देश की सुरक्षा होगी अभेद... आईआईटी दिल्ली में लगी दो दिवसीय रक्षा प्रदर्शनी

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 10:33 PM (IST)

    आईआईटी दिल्ली में रक्षा तकनीक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें यूनिस्ट्रिंग कंपनी की वाइड बैंड आरएफ ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम आकर्षण का केंद्र रही। यह तकनीक दुश्मन के ड्रोन को पहचानने और निष्क्रिय करने में सक्षम है जिससे भारतीय सेना की क्षमता बढ़ेगी। ऑपरेशन सिंदूर में इस तकनीक का सफल प्रदर्शन किया गया जहाँ एक्स-बैंड राडार ने दुश्मन ड्रोन की पहचान और ट्रैकिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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    ड्रोन और उन्नत रडार सिस्टम से देश की सुरक्षा होगी अभेद।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT दिल्ली) परिसर में दो दिवसीय रक्षा तकनीक प्रदर्शनी का आयोजन नवाचार एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण फाउंडेशन और आईआईटी दिल्ली के सहयोग से किया गया।

    इस मौके पर यूनिस्ट्रिंग कंपनी द्वारा भारत की रक्षा क्षमताओं को नई मजबूती देने वाली वाइड बैंड आरएफ ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम और उन्नत राडार तकनीक आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन स्वदेशी नवाचारों से भारतीय सेना की निगरानी और कार्रवाई क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

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    यूनिस्ट्रिंग कंपनी के सहायक महाप्रबंधक डाॅ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि भारत के वैज्ञानिकों द्वारा वाइड बैंड आरएफ ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम विकसित किया गया है। यह तकनीक अलग-अलग फ्रीक्वेंसी बैंड पर लगातार निगरानी रखती है और संदिग्ध ड्रोन का तुरंत पता लगाने में सक्षम है।

    वहीं, इसमें विकसित जैमर सिस्टम दुश्मन ड्रोन के नेविगेशन और कम्युनिकेशन को बाधित कर उन्हें वहीं पर निष्क्रिय कर देता है। इससे युद्ध के मैदान में भारतीय सेना को बढ़त हासिल करने में बड़ी मदद मिलेगी।

    प्रदर्शनी में पेश किए गए उन्नत राडार सिस्टम और आधुनिक ड्रोन भी चर्चा में रहे। विशेषज्ञों के अनुसार यह पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं और देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के साथ- साथ सुरक्षा ढांचे को भी नई दिशा देंगे।

    हाल ही में हुए आपरेशन सिंदूर ने इन तकनीकों की ताकत को साबित किया है। इस दौरान यूनिस्ट्रिंग कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए 50 से अधिक एक्स- बैंड राडार ने दुश्मन ड्रोन की वास्तविक समय में पहचान और ट्रैकिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    इन राडारों ने न केवल ड्रोन की मौजूदगी का सटीक पता लगाया बल्कि उनकी ऊंचाई, गति और दिशा की भी जानकारी सेना को तत्काल उपलब्ध कराई। एक्स-बैंड सर्विलांस और ट्रैकिंग राडार 8 से 12 गीगाहर्ट्ज की उच्च आवृत्ति पर काम करता है। इसकी विशेषता है कि यह छोटे से छोटे ड्रोन को भी पकड़ सकता है।

    लगातार सिग्नल भेजकर और लक्ष्य से लौटे तरंगों का विश्लेषण कर यह तत्काल चेतावनी जारी कर देता है। यही कारण रहा कि आपरेशन सिंदूर में यह सेना की आंख और कान बने थे।

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