CLAT 2025 परीक्षा परिणामों से जुड़ी सभी याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित, अब इस मामले में होगी सुनवाई
CLAT 2025 क्लैट-2025 परीक्षा के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। विभिन्न हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं को सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। अब हाई कोर्ट 21 अप्रैल से परास्नातक से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इस लेख के माध्यम से पढ़िए पूरी खबर।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) यूजी-2025 परीक्षा परिणामों के विरुद्ध दायर विभिन्न याचिकाओं पर सभी पक्षकारों के तर्कों को सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने प्रत्येक याचिकाकर्ता द्वारा उठाई गई आपत्तियों को सुना और पूछा कि क्या आपत्तियां दर्ज करने के लिए दी गई 24 घंटे की समयसीमा के भीतर उन्हें एनएलयू के समक्ष उठाया गया था।
साथ ही अदालत ने कहा कि क्लैट-पीजी परीक्षा परिणामों से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर अलग से 21 अप्रैल को सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान मामले पर सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर एक छात्र ने जिरह की। छात्र ने आरोप लगाया कि कॉन्ट्रैक्टर लॉ पर कानूनी तर्क के प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर थे क्योंकि इसके लिए उम्मीदवार को शून्यकरणीय समझौते, प्रतिफल आदि जैसे कानूनी शब्दों का पूर्व ज्ञान होना आवश्यक था।
अदालत ने एनएलयू की तरफ से पेश हुए वकील से पूछा ये सवाल
इस पर पीठ ने कंसोर्टियम आफ नेशनल ला यूनिवर्सिटीज (एनएलयू) की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता से पूछा कि क्या कक्षा 12 के छात्र के लिए कान्ट्रैक्ट लॉ के तहत प्रतिफल का अर्थ जानना संभव होगा? अदालत ने एनएलयू की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव से पूछा कि क्या इस घटना के संबंध में उनकी शिकायत निवारण समिति द्वारा कोई कदम उठाए गए हैं।
इस पर पीठ ने कंसोर्टियम आफ नेशनल ला यूनिवर्सिटीज (एनएलयू) की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता से पूछा कि क्या कक्षा 12 के छात्र के लिए कान्ट्रैक्ट ला के तहत प्रतिफल का अर्थ जानना संभव होगा? अदालत ने एनएलयू की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव से पूछा कि क्या इस घटना के संबंध में उनकी शिकायत निवारण समिति द्वारा कोई कदम उठाए गए हैं।
उम्मीदवारों के मन में संदेह और चिंता अच्छी नहीं है-अदालत
राजशेखर राव ने स्वीकार किया कि हमें और अधिक सक्रिय होना चाहिए था। हमारा प्रशिक्षण बेहतर होना चाहिए। दिसंबर-2024 में आयोजित क्लैट -2025 के परीक्षा परिणामों को देशभर में चुनौती दी गई थी। परीक्षा में कई प्रश्नों के गलत होने का आरोप लगाते हुए दिल्ली समेत विभिन्न हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं थी।
छह फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे की सभी याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट स्थानांतरित कर दिया गया था। अदालत ने हाल ही में कहा था कि उम्मीदवारों के मन में संदेह और चिंता अच्छी नहीं है और वह परिणाम घोषित करने के लिए याचिकाओं पर जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करना चाहती है।
क्या है पूरा मामला
विभिन्न हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर कर आरोप लगाया गया था कि दिसंबर-2024 में आयोजित क्लैट-2025 परीक्षा में कई प्रश्न गलत थे। 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं पर सुसंगत निर्णय के लिए मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया था।
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