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    DDA Housing Scheme: डीडीए के फ्लैटों में अधूरे पड़े हैं कई काम, खरीदारों का दिल टूटा

    Updated: Thu, 21 Mar 2024 08:21 AM (IST)

    DDA Housing Scheme द्वारका सेक्टर 19 स्थित गोल्फ व्यू अपार्टमेंट के फ्लैट खरीदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। यहां इन फ्लैटों में कई काम अधूरे पड़े हैं। डीडीए के इस रवैये को लेकर वह काफी चिंतित व नाराज भी हैं। डीडीए ने अपने इतिहास में पहली बार आलीशान फ्लैट लॉन्च किए थे। इसलिए इनको लेकर लोगों में काफी उत्साह था जो अब फीका पड़ गया है।

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    द्वारका सेक्टर 19 बी के गोल्फ व्यू अपार्टमेंट के फ्लैटों का अधूरा पड़ा कार्य। सौजन्य : आवंटी

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। कल्पना कीजिए कि आपने दिल्ली की आलीशान आवासीय योजना में अपने सपनों का आशियाना तो खरीद लिया, लेकिन अभी तक इसमें कई काम अधूरे पड़े हुए हैं। ऐसे में फ्लैट बेचने वाली एजेंसी खरीदारों से बकाया रकम तो निश्चित समय के भीतर जमा कराने के लिए कह रही है, लेकिन इन फ्लैटों में लंबित कामों को पूरा कराने के लिए कोई ठोस आश्वासन नहीं दे पा रही।

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    डीडीए के रवैये को लेकर खरीदार नाराज

    दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के गोल्फ व्यू अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदने वाले आवंटियों के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। डीडीए के इस रवैये को लेकर वह काफी चिंतित व नाराज भी हैं।

    दरअसल डीडीए ने कुछ समय पहले द्वारका के सेक्टर 19बी स्थित गोल्फ व्यू अपार्टमेंट में ई नीलामी के माध्यम से प्रीमियम लग्जरी फ्लैटों की बिक्री शुरु की थी। इसमें सफल आवंटियों ने ई नीलामी के माध्यम से पेंट हाउस, सुपर एचआइजी व एचआइजी फ्लैट प्राप्त किए थे।

    योजना को लेकर रोमांचित थे लोग

    चूंकि डीडीए ने अपने इतिहास में पहली बार ऐसे आलीशान फ्लैट पेश किए हैं, इसीलिए लोग भी इस योजना को लेकर खासे रोमांचित थे। उनका मानना था शहरी आश्रय से जुड़ी किसी प्रमुख सरकारी एजेंसी ने ई नीलामी के माध्यम से बेहतर फ्लैटों वाली एक बेहतरीन योजना पेश की, लेकिन जब उन्हें जनवरी के मध्य में योजना की साइट का स्वयं जाकर निरीक्षण किया तो उनकी उम्मीदें हवा हो गईं।

    उन्होंने पाया कि यहां फ्लैटों का निर्माण व फिनिशिंग कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद वहां विभिन्न सुविधाएं भी शुरू की जानी हैं, उसमें भी समय लगेगा। इसे लेकर सवाल खड़े हो गए कि क्या उन्हें समय पर फ्लैटों का आवंटन मिल पाएगा?

    इस पर भी जब आवंटियों को डीडीए की ओर से डिमांड कम अलाटमेंट लेटर मिले तो वे चिंता में पड़ गये क्योंकि इनमें फ्लैट की बकाया 75 प्रतिशत राशि इसी माह के अंत तक जमा करने को कहा गया है।

    दो से तीन करोड़ रुपये बनती है राशि

    एक आवंटी ने बताया कि 75 प्रतिशत राशि लगभग दो से तीन करोड़ रुपये बनती है। यह बड़ी रकम उन्हें बैंक से लोन लेकर चुकानी पड़ेगी जबकि डीडीए की ओर से फ्लैट के कब्जे को लेकर कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिल पा रही है। यदि फ्लैट का कब्जा समय पर नहीं मिला तो बैंक की ईएमआई शुरु हो जाने से उनकी मानसिक परेशानियां अवश्य शुरु हो जाएंगी।

    भुगतान राशि को लेकर कोई राहत नहीं

    इसलिए डीडीए को फ्लैटों का काम पूरा होने तक 75 प्रतिशत बकाया रकम जमा कराने की तारीख पर रोक लगाने या समय अवधि को बढ़ाकर दो महीने करने के साथ ही बकाया रकम को कम करके 25 प्रतिशत कर देना चाहिए।

    एक आवंटी कमलकांत शर्मा ने बताया कि उन लोगों ने डीडीए वीसी से भी मुलाकात की और वस्तुस्थिति बताई, लेकिन उन्होंने इतना ही कहा कि जून तक निर्माण कार्य पूरा करा दिया जाएगा। भुगतान राशि को लेकर कोई राहत नहीं दी।

    डीडीए का पक्ष

    आवासीय योजना के नियम और शर्तें ब्रोशर में स्पष्ट रूप से बताई गई थीं। सभी बोलीदाताओं को ई-नीलामी में भाग लेने से पहले फ्लैट या साइट का दौरा करने की सलाह दी गई थी।

    फ्लैटों का निरीक्षण करने और ब्रोशर में दिए गए नियमों और शर्तों को समझने के लिए पर्याप्त समय भी प्रदान किया गया था। जहां तक राशि का सवाल है तो डीडीए उन फ्लैटों के लिए मांग की गई राशि का 100 प्रतिशत शुल्क लेता है जो पहले ही पूरे हो चुके हैं।

    चूंकि ये फ्लैट मूव-इन स्थिति में नहीं हैं, इसीलिए चरणबद्ध भुगतान के संदर्भ में छूट प्रदान की गई है। मांग की गई राशि का 75 प्रतिशत मांग पत्र जारी होने के दो महीने के भीतर अग्रिम भुगतान करना होगा और शेष 25 प्रतिशत का भुगतान कब्जे के समय करना होगा। इसके अलावा, डीडीए जून, 2024 तक परियोजना को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर सभी प्रयास कर रहा है।