दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने की सख्त कार्रवाई, इस मामले में दो इंजीनियर सस्पेंड
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर दोबारा अतिक्रमण होने पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सख्त कार्रवाई की है। मयूर विहार फेज-1 से एनएच-24 तक पुस्ता रोड के पास डीडीए की जमीन पर दोबारा अतिक्रमण होने पर मयूर नेचर पार्क प्रोजेक्ट से संबंधित सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता सहित अन्य फिल्ड स्टाफ को निलंबित कर दिया गया है। इनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर कब्जे हो रहे हैं। कई बार औपचारिकता मात्र पर ही अतिक्रमण हटा दिया जाता है। कुछ दिन बाद स्थिति फिर पहले जैसी हो जाती है। यमुना डूब क्षेत्र समेत कई स्थानों पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर अवैध कब्जे हैं।
जमीन अतिक्रमण का मामला
मयूर विहार फेज-1 से एनएच-24 तक पुश्ता रोड के पास डीडीए की जमीन पर बार-बार अतिक्रमण के मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मयूर नेचर पार्क परियोजना से संबंधित सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंता व अन्य फील्ड स्टाफ को निलंबित कर दिया है।
उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने डीडीए के उपाध्यक्ष को सात दिन के भीतर जांच कर आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
उपराज्यपाल ने डीडीए की जमीन पर नए या बार-बार अतिक्रमण होने पर संबंधित अधिकारियों/इंजीनियरों को निलंबित करने और मामले की जांच कर आपराधिक एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। निलंबित अधिकारियों के खिलाफ जवाबदेही सुनिश्चित करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई निर्धारित करने के लिए विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
डीडीए कर्मियों पर मिलीभगत का आरोप
इस मामले में डीडीए कर्मियों और बाहरी लोगों की मिलीभगत और संभावित आपराधिक साजिश का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
डीडीए मयूर विहार फेज-1 से एनएच-24 तक महत्वपूर्ण मयूर नेचर पार्क परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है, जो यमुना नदी के डूब क्षेत्र के पुनरुद्धार और कायाकल्प के लिए महत्वपूर्ण है। जून 2024 में हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर सफल अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था।
करीब 390 हेक्टेयर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया, करीब छह हजार अवैध निर्माण, चार अवैध नर्सरी, 250 एकड़ जमीन पर अवैध खेती और करीब 40 अवैध बोरवेल हटाए गए। डीडीए अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन पर फिर से अतिक्रमण हो गया है।
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